जमशेदपुर.बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में मॉब लिंचिंग कांड में जमशेदपुर कोर्ट ने 8 साल बाद 5 अभियुक्तों को दोषी करार दिया और 20 को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव व संदेह के आधार पर बरी कर दिया. पांच अभियुक्तों के नाम हैं–राजाराम हांसदा, गोपाल हांसदा, रेंगो पूर्ति, तारा मंडल और सुनील सरदार. एडीजे वन विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने यह फैसला दिया, जिसमें पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में 20लोगों को बरी कर दिया गया. कुल 28अभियुक्तों में से एक की मौत हो गई थी, कुछ अनुपस्थित थे और कुछ को पहले ही रिहा कर दिया गया था.
8अक्टूबर को सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी. पीड़ित पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता सुशील जायसवाल,सुधीर कुमार पप्पू और जगत विजय सिंह ने बहस की. बागबेड़ा थाना में दर्ज कांड संख्या -91/2017 पर आज का यह फैसला आया है, जहां पीड़ित परिजन उत्तम वर्मा के बयान पर मामला दर्ज हुआ था. वहीं, इसी कांड पर पुलिस(तत्कालीन थाना प्रभारी अमिष हुसैन के बयान पर)
द्वारा दर्ज कांड संख्या -90/2017 कोर्ट में लंबित है. उसके अलावा, इसी मामले से संबंधित अन्य कुछ केस भी न्यायालय में लंबित चल रहे हैं.
क्या था नागाडीह हत्याकांड
बता दें कि 18मई 2017 को बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में बच्चा चोर के अफवाह में उन्मादी भीड़ ने जुगसलाई नया बाजार निवासी विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा, उन दोनों की दादी रामसखी देवी और बागबेड़ा के रहनेवाले गंगेश गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
8/10अभियुक्त अब भी हैं फरार
इस घटना को लेकर विभिन्न अभियुक्तों पर अलग-अलग भी केस चल रहे हैं. इससे संबंधित लगभग सात मामले न्यायालय में लंबित हैं. अधिवक्ता सुशील जायसवाल ने बताया कि विभीषण सरदार,जगत मार्डी समेत आठ दस अभियुक्त फरार चल रहे हैं.
इन धाराओं के तहत दोषी करार दिए गए
अधिवक्ता सुशील जायसवाल ने बताया कि पांचों अभियुक्त IPC की धारा 302, 307, 341, 342, 338, 117/149 के तहत दोषी करार दिए गए. 8अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी.