संस्कार भारती जमशेदपुर महानगर इकाई के तत्वावधान में गुरुपूर्णिमा उत्सव का भव्य आयोजन

On: July 11, 2025 8:52 AM

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जमशेदपुर: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी संस्कार भारती की ओर से गुरुपूर्णिमा उत्सव का भव्य आयोजन तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में किया गया। इस अवसर पर गुरु के रूप में साहित्य में छन्द विधा की गुरु श्रीमती प्रतिभा प्रसादजी को ” *पद्मश्री बाबा योगेन्द्र नाथ स्मृति गुरु सम्मान* “से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कोषाध्यक्ष श्री नीलाम्बर चौधरी के ध्येय गीत और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। संस्था की अध्यक्ष श्रीमती रागिनी भूषण ने सभी का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए और सभी कार्यकर्ताओं का आभारपूर्वक स्वागत किया। कार्यक्रम की सम्मानित गुरु-अतिथि श्रीमती प्रतिभा प्रसादजी ने भी गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। आज के कार्यक्रम के सारस्वत अतिथिद्वय डॉ पूनम सहाय एवं डॉ लक्ष्मी झा ने गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गुरु महिमा का बखान किया।
सभा का संचालन श्री राजेन्द्र राज जी द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। चंदन-रोली की परंपरागत प्रक्रिया लक्ष्मी रूबी जी ने अत्यंत श्रद्धा के साथ निभाई।
श्रीमती दीपिका बनर्जी, एवं उपासना जी ने अतिथियों का सम्मान कर आयोजन को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजिका डॉ. अनिता निधि जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम स्थल की व्यवस्था बिनोदजी एवं श्रीमती सरिता सिंह ने सफलतापूर्वक संभाली। कार्यक्रम के अन्त में संयोजिका डॉक्टर अनिता निधि ने आभार अभिव्यक्त किया।
कार्यक्रम में सम्मानित गुरु श्रीमती प्रतिभा प्रसादजी के शिष्यों नीलम पेडीवाल, पूनम सिन्हा, रंजनी राजन, मनीषा सहाय सुमन और रीना सिन्हा सलोनी ने अपनी प्रस्तुतियां छंद में आकर्षक ढंग से प्रस्तुत की। श्रीमती अरुणा झा ने सम्मानित गुरु का परिचय एवं श्रीमती उपासना सिन्हा ने सम्मान पत्र वाचन किया। कार्यक्रम की सफलता के आधार स्तंभ श्री बिनोद कुमार, श्री नीलांबर चौधरी, डॉ सरित किशोर , डॉ आशा गुप्ता आदि रहे। जबकि नीता सागर जी एवं दीपिका बनर्जी ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। श्रीमती शोभा सिंह एवं मंजू कुमार ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया। कार्यक्रम डॉ. स्नेह लता सिन्हा ,,डॉक्टर आशा गुप्ता,डॉक्टर सरित किशोर, श्री एस पी सिन्हा ,श्रीमती पद्मा प्रसाद ,आदि गणमान्य श्रोताओं की उपस्थिति से गरिमामय हो गया।”वन्दे मातरम्” के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
गुरुपूर्णिमा का यह आयोजन भारतीय संस्कृति में गुरु के प्रति आदर, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक रहा, जो संस्कार भारती की मूल भावना को जीवंत करता है।