जमशेदपुर: आदिवासी सेंगेल अभियान के कोर कमिटी की बैठक झारखंड प्रदेश सेंगेल संयोजक श्री जूनियर मुर्मू की अध्यक्षता में सेंगेल गाढ़ करनडीह में हुई। जिसमें निम्न 3 चिंताओं को रेखांकित किया है।
1)महामहिम राष्ट्रपति के 29 दिसंबर को करनडीह जमशेदपुर में आगमन निरर्थक साबित हो सकता है यदि :- !) झारखंड में संताली प्रथम राजभाषा
!!)सरना धर्म कोड और
!!!) मरांग बुरु की वापसी पर कोई घोषणा नहीं होती है। अंततः यह ऊंची दुकान फीकी पकवान ही साबित होगा।
2) 22 दिसंबर की तारीख को कुछ संगठनों ने भाषा दिवस के रूप में मनाया जबकि यह 22.12.2003 को संथाली भाषा को लोकसभा में आठवीं अनुसूची में शामिल होने पर संथाली भाषा विजय दिवस मनाया जाता है ।जिसमें संथाली भाषा मोर्चा क अहम भूमिका था। भाषा दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 21फरवरी को मनाया जाता है। जो 21 फरवरी 1952 को ढाका विश्वविद्यालय,अब बांग्लादेश में बांगला भाषा के लिए शहीद हुए छात्रों की याद में मनाया जाता है।
3) 22 दिसंबर 1855 को हुई संताल परगना की स्थापना दिवस को भोगनाडीह,बरहेट में सरकार द्वारा 22.12.2025 को नहीं होने दिया जाना,झारखण्ड की हेमंत सरकार द्वारा सिदो मुर्मू एंव संताल परगना के शहीदों के इतिहास को मिटाना जैसा है।
बैठक में सेंगेल माझी परगना माडवा केन्द्रीय अध्यक्ष, कविराज मुर्मू, केन्द्रीय सेंगेल संयोजक बीमो मुर्मू, कोल्हान जोन सेंगेल सरना धर्म माडवा अध्यक्ष सीताराम माझी, जमशेदपुर प्रखंड सेंगेल अध्यक्ष भागीरथ मुर्मू, अर्जुन मुर्मू,टी मार्डी आदि उपस्थित थे।














