वाशिंगटन: अलास्का के एंकोरेज में शनिवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। करीब 10 साल बाद पुतिन अमेरिका पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच लगभग 3 घंटे तक बंद कमरे में बैठक चली, लेकिन अंत में किसी तरह का औपचारिक समझौता नहीं हो सका।
12 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस, पत्रकारों के सवाल अनसुने
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जो केवल 12 मिनट चली। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
ट्रम्प ने कहा: बैठक सकारात्मक रही। कई मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन कोई फाइनल डील नहीं हुई। समझौता तभी होगा जब वह अंतिम रूप लेगा।
पुतिन ने कहा: रूस की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए उसकी असल वजहों को खत्म करना जरूरी है।
पुतिन का बड़ा बयान – “अगर 2022 में ट्रम्प राष्ट्रपति होते तो युद्ध नहीं होता”
पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर 2022 में ट्रम्प राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन युद्ध शुरू ही नहीं होता। उन्होंने अगली बैठक के लिए मास्को आने का प्रस्ताव रखा। पुतिन ने यह बात अंग्रेजी में कही।
ट्रम्प का संकेत – “सीजफायर अब जेलेंस्की पर”
ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि पुतिन के साथ बैठक में जमीन की अदला-बदली और यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई। हालांकि उन्होंने ज्यादा डिटेल साझा नहीं की। उन्होंने कहा, “ज्यादातर मुद्दों पर हमारी सहमति बन गई है। अब सीजफायर डील की जिम्मेदारी पूरी तरह से यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पर है। जल्द ही पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात तय होगी।”
अमेरिका में पुतिन का भव्य स्वागत
पुतिन के अलास्का पहुंचने पर अमेरिकी B-2 बॉम्बर ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया। रेड कार्पेट पर उतरते ही ट्रम्प ने ताली बजाकर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठकर बैठक स्थल पहुंचे।
बिना किसी समझौते के खत्म हुई बैठक
करीब 3 घंटे चली बातचीत के बाद भी कोई आधिकारिक सीजफायर या समझौते का ऐलान नहीं हो पाया। पुतिन अब मास्को रवाना हो चुके हैं। उनका विमान एंकोरेज स्थित ज्वाइंट बेस एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन से उड़ान भर चुका है। ट्रम्प भी अलास्का से वॉशिंगटन लौट गए। वे यहां लगभग 6 घंटे रहे।
अगली मुलाकात मास्को में?
पुतिन ने अगली मुलाकात मॉस्को में करने का सुझाव दिया। इस पर ट्रम्प ने कहा कि यह फैसला सभी को पसंद नहीं आएगा और आलोचना भी होगी, लेकिन उन्होंने इसे नकारा नहीं।
निष्कर्ष
अलास्का बैठक से तत्काल कोई समाधान नहीं निकला, लेकिन पुतिन और ट्रम्प ने संकेत दिए हैं कि शांति प्रक्रिया की दिशा में कुछ प्रगति हुई है। अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या वास्तव में पुतिन और जेलेंस्की के बीच सीधे वार्ता होती है या नहीं।