इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने बीते सप्ताह अपनी बेटी महनूर मुनीर का निकाह बेहद गोपनीय तरीके से संपन्न कराया। यह आयोजन इतना निजी रखा गया कि इसकी जानकारी दुनिया को समय पर नहीं मिल सकी। अब पाकिस्तानी मीडिया और पत्रकारों के सूत्रों के हवाले से इस निकाह का खुलासा हुआ है।
सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि आसिम मुनीर ने अपनी बेटी का निकाह अपने सगे भतीजे अब्दुर रहमान से कराया है। अब्दुर रहमान, मुनीर के भाई कासिम मुनीर के बेटे हैं। इस रिश्ते को लेकर पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस शुरू हो गई है।
26 दिसंबर को रावलपिंडी में हुआ निकाह
सूत्रों के मुताबिक यह निकाह 26 दिसंबर को रावलपिंडी में हुआ। शादी किसी होटल या मैरिज हॉल में नहीं, बल्कि जीएचक्यू (GHQ) के पास स्थित आसिम मुनीर के सरकारी आवास में आयोजित की गई। कार्यक्रम पूरी तरह निजी था, इसी वजह से अब तक शादी से जुड़ी कोई आधिकारिक तस्वीर या वीडियो सार्वजनिक नहीं की गई है।
सीमित लेकिन बेहद खास मेहमान
हालांकि समारोह को गुप्त रखा गया, लेकिन इसमें पाकिस्तान की सत्ता और सैन्य तंत्र के कई बड़े नाम शामिल हुए। शादी में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार, आईएसआई प्रमुख समेत पाकिस्तानी सेना के कई शीर्ष जनरल मौजूद थे। बताया जा रहा है कि समारोह में 400 से अधिक मेहमानों ने शिरकत की, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।
पत्रकार ने किया खुलासा
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार जाहिद गिश्कोरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा कर इस निकाह की जानकारी दी। इसके बाद यह मामला चर्चा में आया और पाकिस्तानी मीडिया ने भी इसे प्रमुखता से उठाया।
अब्दुर रहमान पहले पाकिस्तान सेना में कैप्टन के पद पर तैनात रह चुके हैं। बाद में उन्होंने सिविल सर्विसेज जॉइन की और वर्तमान में वह सेना अधिकारियों के लिए आरक्षित कोटे के तहत असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में कार्यरत हैं।
परिवारवाद के आरोप
आसिम मुनीर द्वारा बेटी की शादी सगे भतीजे से कराए जाने को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि वे पाकिस्तानी सेना और सत्ता संरचना में एक ही परिवार की पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। आलोचकों का आरोप है कि यह कदम सेना में परिवारवाद को बढ़ावा देने की दिशा में देखा जा रहा है।
सुरक्षा कारणों से गोपनीयता
पाकिस्तान में मौजूदा हालात और आतंरिक खतरों को देखते हुए कार्यक्रम को सीमित दायरे में आयोजित किया गया। यह गुप्त निकाह अब पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य गलियारों में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है।














