ख़बर को शेयर करें।

अयोध्या: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गुरुवार को उत्तरप्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में पूरे विधि विधान के साथ राम दरबार और परिसर के अन्य सात मंदिरों की वैदिक मंत्रों से प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अलग-अलग संतों ने भगवान का नेत्रोन्मिलन कराकर उनके प्राकट्य की पहली आरती की। इसके साथ तीन दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। संयोग से, आज ही के दिन मुख्यमंत्री का‌ 53वां जन्मदिन भी है और उन्होंने इस अवसर पर भगवान श्रीराम का आशीर्वाद लिया।

त्रिदिवसीय समारोह के अंतिम दिन प्रातः साढ़े छह बजे से आह्वानित देवताओं का यज्ञमंडप में पूजन प्रारम्भ हुआ और प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूर्ण हुआ। काशी के पुरोहित जय प्रकाश त्रिपाठी ने 101 पंडितों ने प्राण प्रतिष्ठा कराई। मंत्रोच्चारण के बाद मूर्तियों की आंखों पर बंधी पटि्टयां खोली गईं और उन्हें आईना दिखाया गया। भगवान राम सहित चारों भाइयों के हाथों में धनुष है।

राम दरबार की पहली तस्वीर सामने आई है। जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के साथ गद्दी में माता सीता विराजी हुई है। वहीं उनके अगल बगल में भरत- शत्रुघ्न, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई है।

राम दरबार के अलावा मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर बने परकोटे के 6 मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा हुई। इनमें भगवान शिव, श्रीगणेश, हनुमान, सूर्य भगवान, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा भी हुई। पिछले साल रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में जहां देशभर के बड़े कारोबारियों, फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित किया गया था। वहीं, आज राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में 350 लोगों को आमंत्रित किया है। इसमें ज्यादातर ट्रस्ट के पदाधिकारी, साधु संत हैं।