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अयोध्या: राम दरबार की हुई प्राण प्रतिष्ठा, सीएम योगी ने उतारी आरती

On: June 5, 2025 7:32 AM
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अयोध्या: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गुरुवार को उत्तरप्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में पूरे विधि विधान के साथ राम दरबार और परिसर के अन्य सात मंदिरों की वैदिक मंत्रों से प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अलग-अलग संतों ने भगवान का नेत्रोन्मिलन कराकर उनके प्राकट्य की पहली आरती की। इसके साथ तीन दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। संयोग से, आज ही के दिन मुख्यमंत्री का‌ 53वां जन्मदिन भी है और उन्होंने इस अवसर पर भगवान श्रीराम का आशीर्वाद लिया।

त्रिदिवसीय समारोह के अंतिम दिन प्रातः साढ़े छह बजे से आह्वानित देवताओं का यज्ञमंडप में पूजन प्रारम्भ हुआ और प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूर्ण हुआ। काशी के पुरोहित जय प्रकाश त्रिपाठी ने 101 पंडितों ने प्राण प्रतिष्ठा कराई। मंत्रोच्चारण के बाद मूर्तियों की आंखों पर बंधी पटि्टयां खोली गईं और उन्हें आईना दिखाया गया। भगवान राम सहित चारों भाइयों के हाथों में धनुष है।

राम दरबार की पहली तस्वीर सामने आई है। जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के साथ गद्दी में माता सीता विराजी हुई है। वहीं उनके अगल बगल में भरत- शत्रुघ्न, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई है।

राम दरबार के अलावा मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर बने परकोटे के 6 मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा हुई। इनमें भगवान शिव, श्रीगणेश, हनुमान, सूर्य भगवान, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा भी हुई। पिछले साल रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में जहां देशभर के बड़े कारोबारियों, फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित किया गया था। वहीं, आज राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में 350 लोगों को आमंत्रित किया है। इसमें ज्यादातर ट्रस्ट के पदाधिकारी, साधु संत हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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