गढ़वा: मेराल थाना क्षेत्र के बनुआ गांव के आदिवासी परिवारों ने जमीन कब्जा करने और जान से मारने की धमकी दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त से मुलाकात की। ग्रामीणों की मुलाकात प्रभारी डीआरडीए निदेशक प्रमेश कुशवाहा से हुई। उन्होंने ज्ञापन देकर धान की फसल वापस दिलाने, खतियानी जमीन की रसीद निर्गत कराने और सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर लंबे समय से राजहरा सहित आसपास के राजपूत परिवारों की नजर है। ज्ञापन में कहा गया है कि आदिवासी की जमीन अन्य जाति के नाम पर दर्ज नहीं हो सकती, बावजूद इसके उनकी खतियानी जमीन को बेचा जा रहा है और खेत में लगी धान की फसल भी काट ली गई है। विरोध करने पर बंदूक दिखाकर धमकाया जा रहा है और कई ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की गई है। यहां तक कि करूई गांव की घटना को दोहराने की धमकी भी दी जा रही है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि दशरथ भोक्ता की खाता संख्या 14, प्लॉट संख्या 680 सहित कई लोगों की जमीन बेची जा चुकी है और फसल को ट्रैक्टर से रौंदा जा रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में राम सुंदर, नरेश सिंह, राजेंद्र सिंह, सरयू सिंह, प्रेमन सिंह, कुलदीप सिंह, सुकनी देवी, भगीया देवी, रूबी कुंवर, प्रमिला देवी, उदय सिंह खरवार, भोला सिंह, मुंद्रिका भुइंया आदि शामिल थे।
गरीबों की जमीन पर कब्जा नहीं होने दूंगा : विधायक
गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि राजहरा–बनुआ गांव को किसी भी कीमत पर करुई/भागोड़ीह जैसी स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अपराधी प्रवृत्ति के लोग कट्टा–बंदूक का भय दिखाकर एसटी-एससी परिवारों की जमीन पर कब्जा कर धन की लूटपाट कर रहे हैं।
विधायक ने कहा कि वे प्रशासन से ऐसे तत्वों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे राजभवन घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि बेटा की शादी के कारण फिलहाल व्यस्त हूं, लेकिन कार्यक्रम के बाद अपराधियों की “ईंट से ईंट बजाने” का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके जीवित रहते कोई सामंती ताकत गरीबों की जमीन नहीं लूट सकेगी।
करूई जैसी घटना दोहराने की धमकी: बनुआ के आदिवासी परिवार दहशत में, प्रशासन से लगाई गुहार
ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई जान–माल की सुरक्षा की गुहार














