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श्री बंशीधर नगर में बड़ा हादसा; बभनी खाड़ डैम में डूबने से तीन बच्चे की मौत, घटना के बाद मृतक बच्चो के परिजनों के चित्कार से गमगीन हुआ महौल

On: August 16, 2024 7:33 PM
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मौत का डैम बना बभनी खांड़ डैम, तीन वर्षों के भीतर डैम में डूबने से एक दर्जन बच्चों की मौत

शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) :- गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर के नगर पंचायत क्षेत्र के बभनी खांड डैम में डूब कर मरने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले तीन वर्षो में अब तक एक दर्जन लोगो की मौत हो चुका है। वही शुक्रवार को डैम में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। तीनों मृतक बच्चे थाना क्षेत्र के जंगीपुर के उरांव टोला के रहने वाले हैं। मृतकों में मानदेव उरांव का पुत्र सूरज उरांव (11 वर्ष), नंदू उरांव का पुत्र मनीष मिंज(13 वर्ष) और स्व उमेश उरांव का पुत्र चंद्रकांत कुमार(9 वर्ष) का का नाम शामिल है। रिश्ते में तीनो बच्चे चचेरे भाई है। उधर घटना के बाद परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। बच्चों की मां रोते बिलखते बार-बार बेहोश हो रही थी। आसपास की अन्य महिलाएं उन्हें सांत्वना दे रही थी।

डैम से कैसे निकाले गए बच्चों के शव

घटना के संबंध में परिजनो ने बताया कि तीनों बच्चे घर से 11 बजे निकले थे। 2 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन परेशान हो गए और खोजबीन करने लगे। खोजबीन करते हुए घर से 3 किलोमीटर दूर बभनी खांड डैम पहुंच गए। डैम के पश्चिम उत्तर दिशा में तीनो बच्चो का कपड़ा दिखाई दिया। इसके बाद किसी अनहोनी की आशंका को लेकर डैम में घुसकर खोजबीन करने लगे। काफी देर बाद सूरज का शव पाया। इसके बाद आसपास के लोगों ने भी अन्य दो बच्चों की तलाश डैम में करने लगे। लगभग 4:30 बजे अन्य दो बच्चों का शव भी डैम से निकाला गया।

तीनों बच्चे कैसे लाए गए अस्पताल

सूचना मिलने के बाद नगर उंटारी एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह, थाना प्रभारी आदित्य नायक, अंचलाधिकारी विकास सिंह सहित कई प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए। तीनों बच्चों को लेकर पुलिस पदाधिकारी अनुमंडलीय अस्पताल लाए। जहां चिकित्सक ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने तीनो बच्चो के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गढ़वा भेज दिया है।

परिजनों के चीत्कार से गमगीन हुआ माहौल

तीन बच्चों की मौत के बाद जंगीपुर का उरांव टोला शोक में डूब गया है। वही परिजनों के चीत्कार से वहां मौजूद हर आंखों में आंसू आ गया। बच्चों की मां बार-बार रोते हुए बेहोश हो जा रही थी, जिसे आसपास की अन्य महिला सांत्वना दे रही थी। मानदेव उरांव का पुत्र सूरज तीन बहनों के बीच अकेला भाई था। भाई बहनों में सबसे छोटा सूरज था। मानदेब को पुत्र की चाहत था। जिस कारण तीन बेटियां हो गई। घटना के बाद मानदेव और उसकी पत्नी पूरी तरह से टूट चुकी है। बार बार मां बेहोश हो रही थी।

पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव ने कहा डैम पर हो गार्ड की प्रतिनियुक्ति

घटना के बाद पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव, झामुमो अध्यक्ष मुक्तेश्वर पांडेय, भाजपा एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण राम घटना स्थल पहुंचे। इस दौरान घटना की जानकारी लेते हुए परिजनों को सांत्वना दिया। पूर्व विधायक ने कहा की घटना हृदय विदारक है। परिजनों को आपदा प्रबंधन से सहायता उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा की इस डैम पर लगातार घटना घट रही है। डैम पर गार्ड की प्रतिनियुक्ति के लिए डीसी के साथ मुख्यमंत्री से मांग करेंगे।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने घर जाकर परिजनों से की मुलाकात

घटना के बाद भाजपा का प्रतिनिधिमंडल जंगीपुर जाकर परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दिया। विधायक प्रतिनिधि अशोक सेठ ने कहा की विधायक के निर्देश पर परिजनों से मिलने आए हैं। भाजपा दुख की इस घड़ी में परिजनों के साथ है। विधायक ने डीसी से आपदा प्रबंधन के तहत तत्काल मुआवजा देने को कहा है।

मौत का डैम बना बभनी खांड़ डैम ,तीन वर्षों के भीतर डैम में डूबने से एक दर्जन बच्चों की मौत

श्री बंशीधर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 6 में स्थित बभनी खांड़ डैम मौत का डैम हो गया है। तीन वर्षों के भीतर डैम में डूबने से एक दर्जन बच्चों की मौत हो गई है। डैम में डूबने से प्रतिवर्ष बच्चों की मौत हो रही है उसके बावजूद अनुमंडल प्रशासन एवं नगर पंचायत प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिये कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजा प्रतिवर्ष डैम में डूबने से बच्चे असमय काल कल्लवित हो जा रहे हैं।

यहां बताते चलें कि पहली घटना वर्ष 2021 में हुई थी। 3 सितंबर 2021 को बभनी खांड़ डैम में डूबने से जंगीपुर के उरांव टोले के दो चचेरी बहनों की मौत हो गयी थी। दूसरी घटना 14 अक्टूबर 2022 को घटी थी। मछली मारने के दौरान घटी इस घटना में एक नाबालिग समेत चार लोगों की मौत हो गयी थी। तीसरी घटना 10 जून 2023 को घटी थी। मछली मारने के दौरान ही घटी इस घटना में चार नाबालिग बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। चार नाबालिग बच्चों की मौत होने से जंगीपुर एवं नयाखांड़ गांव में मातम पसर गया था।

घटना के दिन किसी के घर में चूल्हा तक नहीं जला था। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी प्रशासन ने शबक नहीं लिया। इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन के हल्के में लेने का परिणाम रहा कि चौथी घटना 16 अगस्त को भी घट गई। इस घटना में तीन किशोर की मौत दर्दनाक मौत हो गई। अब देखना है कि प्रशासन का अगला कदम क्या होता है। प्रशासन इस घटना से सबक लेती है या नहीं यह आने वाला समय बतायेगा।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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