बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर नहीं आ रही है। कर्नाटक हाईकोर्ट से उनकी याचिका खारिज होने के बाद अब बेंगलुरु की विशेष अदालत से भी उनको तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने MUDA मामले में कर्नाटक लोकायुक्त के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जांच का आदेश पारित किया है। अब तीन महीने के अंदर कमेटी इस घोटाले की जांच रिपोर्ट सौपेंगी। 24 सितंबर को MUDA केस में सिद्धारमैया की अर्जी हाई कोर्ट से खारिज हो गई थी। हाई कोर्ट की ओर से ये कहा गया था कि जमीन घोटाले में सिद्धारमैया पर केस चलेगा।
क्या है MUDA घोटाला
यह मामला सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर शहर में एक वैकल्पिक साइट के आवंटन से संबंधित है। दावा किया जाता है कि तीन एकड़ और 16 गुंटा दूरदराज की जमीन अवैध रूप से अधिग्रहित की गई थी। इस अनियमितता की शिकायत सबसे पहले शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने की थी, जिशन्होंने आरोप लगाया था कि MUDA ने करोड़ों रुपये के प्लॉट हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए। विपक्षी दलों ने इन आरोपों को भुनाते हुए दावा किया है कि 3,000 करोड़ रुपये की कीमत वाली यह जमीन मूल रूप से दलित समुदाय की थी।