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Mathura Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट के आर्डर 7 रूल-11 का आवेदन खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की अर्जी को सुनवाई योग्य माना है। पूरे मामले में अब ट्रायल चलेगा। कोर्ट के फैसले का मतलब है कि हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई हो सकेगी।

हिंदू पक्ष ने औरंगजेब के दौर के इतिहासकारों का हवाला देते हुए कहा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। हिंदू पक्ष ने यह भी कहा है कि 1968 में मुस्लिम पक्ष के साथ हुआ समझौता अवैध है और पूरी जमीन भगवान कृष्ण के मंदिर को दी जानी चाहि। हिंदू पक्ष ने यह भी कहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर एक प्राचीन हिंदू मंदिर के निशान हैं।

वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत हिंदू पक्ष द्वारा किए गए दावे टिकाऊ नहीं हैं। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि समझौते के तहत 13.37 एकड़ जमीन शाही ईदगाह को दी जाएगी। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट और स्पेशल रिलीफ एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं का भी विरोध किया है। मुस्लिम पक्ष का यह भी कहना है कि मामले से साफ है कि मस्जिद का निर्माण 1669-1670 में हुआ था। मुस्लिम पक्ष इस बात से इनकार करता है कि मस्जिद से पहले वहां कोई मंदिर था।