बिशुनपुरा / अजीत कुमार रंजन
बिशुनपुरा(गढ़वा):- बिशुनपुरा प्रखंड मुख्यालय के पोखरा चौक स्थित भगवान विष्णु मंदिर के प्रांगण में हर्षोल्लास के संपन्न हुई हरितालिका तीज व्रत। पति के अखंड सौभाग्य की कामना का पावन हरितालिका तीज व्रत प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जहां महिलाओं ने पूरा दिन निर्जला उपवास रखकर माता पार्वती व भगवान शंकर की पूरे विधि विधान से पूजा कर अपने पति के दीर्घायु, सुख समृद्धि, उन्नति, प्रगति और यश की कामना भगवान से की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा अर्चना किया तथा इस पवित्र मौके पर सौभाग्यवती महिलाओं ने लाल रंग के नए वस्त्र पहन कर, मेहंदी लगाकर, सोलह श्रृंगार किया। वही शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की। जहां भगवान विष्णु मंदिर के पूजारी तिरदिप मिश्रा के द्वारा पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कराया गया। जहां महिलाओं ने सामूहिक पूजन के दौरान रोली, चावल, पुष्प, बेलपत्र, नारियल, पान, कसैली, धूप, दीया, मिठाई आदि सामान चढ़ाया और भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का भक्ति भाव से पूजन किया। पूजन के बाद हरितालिका व्रत की कथा सुनाई गई। इस दौरान सुहागिनों ने भगवान शिव से स्वभाव की रक्षा करने की मंगल कामना की। जहां पूजारी तिरदीप मिश्रा ने बताया कि भाद्रपद मास की तृतीया तिथि को मनाएं जाने वाले हरितालिका तीज व्रत पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। मां पार्वती ने इस व्रत को शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए किया था। इस व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन विधि विधान से किया जाता है। आज ही के दिन माता पार्वती को भगवान भोलेनाथ पति के रूप में प्राप्त हुए थे, तभी से इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती है। जबकि कुंवारी कन्या इस व्रत को रखकर सुयोग्य वर की प्राप्त करती है। उन्होंने बताया कि प्रकृति और प्रेम के भाव से जुड़े इस पर्व पर महिलाएं शुद्ध मिट्टी से शिव पार्वती और श्री गणेश के प्रतीकात्मक प्रतिमाएं बनाकर उनकी पूजा करती है। वहीं उन्होंने बताया कि माना जाता है की मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा सौभाग्यदायिनी होती है।
बिशुनपुरा: सुहागिनों ने हरितालिका तीज पर रखी निर्जला व्रत, अखण्ड सुहाग की मांगी वरदान
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