रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। 11वीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा को हुए 10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। इस देरी से अभ्यर्थी बेहद नाराज हैं। रांची में जेपीएससी कार्यालय के बाहर झारखंड स्टेट स्टूडेंट एसोसिएशन के बैनर तले छात्रों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। आज बड़ी संख्या में छात्र वहां जुटे और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया है। आज प्रदर्शन के दौरान एक अभ्यर्थी बेहोश हो गया, जिसके बाद बाकी छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया। छात्रों का साफ कहना है कि जब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा, धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। कुछ छात्रों ने नाराज़गी में कहा, अगर रिजल्ट नहीं तो फांसी ही मंजूर। यह मामला अब राज्यभर में बड़ा छात्र आंदोलन बनता जा रहा है।
जेपीएससी की 11वीं से 13वीं सिविल सेवा की परीक्षा का विज्ञापन वर्ष 2024 के जनवरी में ही जारी हुआ था। इसकी प्रारंभिक परीक्षा मार्च में ली गई थी, जिसमें 3.50 लाख से भी ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसका रिजल्ट 22 अप्रैल को जारी किया गया था। रिजल्ट के आधार पर 7,011 परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए चयनित हुए थे। इसके बाद मुख्य परीक्षा 22 से 24 जून, 2024 तक विभिन्न परीक्षा केंद्रों में आयोजित हुई थी। इस परीक्षा के जरिए कुल 342 पदों पर नियुक्ति की जानी है। जेपीएससी के कैलेंडर के अनुसार, इसका रिजल्ट पिछले वर्ष अगस्त में ही घोषित कर दिया जाना था। आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. मेरी नीलिमा केरकेट्टा अगस्त महीने में ही रिटायर हो गईं। इसके बाद छह माह से भी अधिक समय तक अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा रहा। 27 फरवरी, 2025 को सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस एल. खियांग्ते को जेपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया तो परीक्षार्थियों में उम्मीद जगी थी कि रिजल्ट जल्द घोषित कर दिया जाएगा। नए अध्यक्ष की नियुक्ति के भी करीब ढाई माह गुजरने को हैं, लेकिन आयोग ने अब तक रिजल्ट रोक रखा है। इस वजह से 14वीं सिविल परीक्षा का विज्ञापन भी जारी नहीं हो पा रहा है।
भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
जेपीएससी मेंस परीक्षा के रिजल्ट में देरी को लेकर चल रहे विवाद में अब भाजपा भी कूद गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए झारखंड सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। अजय शाह ने कहा कि राज्य सरकार के पास छात्रों के भविष्य और विकास को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है, इसी वजह से जेपीएससी मेंस का रिजल्ट 10 महीने से अटका पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार को प्रतियोगी परीक्षाओं की गंभीरता का अंदाज़ा ही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जेपीएससी की मेंस परीक्षा ही नहीं, झारखंड में लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा में अभ्यर्थियों को किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी परीक्षा की तारीख तय करने में देर होती है, तो कभी कोर्ट के आदेश या छात्रों के आंदोलन के बाद ही सरकार जागती है। उन्होंने कहा कि जेपीएससी का पूरा सिस्टम संकट से गुजर रहा है, और सरकार की लापरवाही की वजह से छात्रों का भविष्य दांव पर है।