रांची:पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और साइबरपीस फाउंडेशन के सहयोग से सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा और फोरेंसिक हैकथॉन 2.0 का ग्रैंड फिनाले आयोजित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन बीपीआरएंडडी के महानिदेशक आलोक रंजन ने किया।
दो दिवसीय इस आयोजन में शिक्षा जगत और उद्योग जगत की 768 टीमों ने हिस्सा लिया। इनमें 739 टीमें शिक्षण संस्थानों से और 29 उद्योग जगत से थीं। हैकथॉन के जरिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए स्वदेशी, सुरक्षित और किफायती सीसीटीवी समाधान विकसित करने पर जोर दिया गया।
प्रतियोगिता में चार अहम क्षेत्रों—एआई आधारित निगरानी, निगरानी नेटवर्क की साइबर सुरक्षा, लो-कॉस्ट मॉडल और स्वदेशी हार्डवेयर समाधान—पर नवाचार प्रस्तुत किए गए। कठिन चयन प्रक्रिया के बाद 10 फाइनलिस्ट टीमों ने निर्णायक मंडल के सामने अपने मॉडल और विचार पेश किए।
महानिदेशक आलोक रंजन ने कहा कि यह हैकथॉन पुलिसिंग में तकनीकी नवाचार और जमीनी जरूरतों के बीच की खाई को पाटने का प्रयास है। अपर महानिदेशक रवि जोसेफ लोक्कू ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया। वहीं साइबरपीस फाउंडेशन के संस्थापक और ग्लोबल प्रेसिडेंट मेजर विनीत कुमार ने कहा कि जन सुरक्षा के लिए स्वदेशी और स्मार्ट तकनीकों को बढ़ावा देना समय की मांग है।
समापन समारोह में मनु श्री, श्लोक रावत और वैशाल मालू को शीर्ष तीन पुरस्कार मिले, जबकि तीन अन्य टीमों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि भारत अब आयातित निगरानी प्रणालियों पर निर्भर रहने की बजाय एआई-संचालित स्वदेशी समाधानों की ओर तेजी से बढ़ रहा है।