हजारीबाग :- दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्यूषण पर आज तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म के रुप में मनाया गया। प्रातः दोनों दिगंबर जैन मंदिर में श्री जी का अभिषेक शांति धारा पूजन पाठ विधान का कार्यक्रम हुआ। विद्वान पंडित नयन जी शास्त्री सांगानेर ने अपने मंगल प्रवचन में
उत्तम आर्जव धर्म पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की संसार दुख से मुक्ति तो बहुत सरल है।मोड़ तो सारे मन के है, इच्छाओं के है, इंद्रिय विषयो के है, कश्याओ के संस्कारों के है, भीतर बैठी मान्यताओं के है, खुद की गढ़ी धारणाओं और कल्पनाओं के है।
अब जब एक बार रुचि आत्मा की और मोड़ ली तो सब कुछ सरल लगने लगा। पंडित नयन जी शास्त्री अपने मंगल प्रवचन में भक्तामर स्त्रोत की महिमा का गुणगान बखान कर रहे हैं।
पंचायत के कार्यकारिणी सदस्य विजय लुहाड़िया ने बताया कि एक-एक श्लोक की महिमा का वर्णन करते हुए वह इस भक्तामर स्तोत्र को प्रतिदिन सभी श्रावक सभी भक्तगण को इस पाठ को बोलने को कहा। संध्या में दोनों दिगंबर जैन मंदिर में महाआरती णमोकार जाप पंडित जी का मंगल प्रवचन हुआ। तत्पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। कल उत्तम शौच धर्म को मनाया जाएगा।