गढ़वा: सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में आदिवासी समाज ने मंगलवार को गढ़वा में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर एवं भवनाथपुर विधायक अनंत प्रताप देव के नेतृत्व में टाउन हॉल से विशाल जुलूस निकल गया। यह जुलूस चिनियां मोड़ होते हुए नया समाहरणालय के समक्ष पहुंचकर धरना में तब्दील हो गई। लोग सरना धर्म कोड लागू करने के बाद ही झारखंड में जाति जनगणना कराने की मांग कर रहे थे।

मौके पर पूर्व मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार एक सोची समझी साजिश के तहत आदिवासियों का आस्तित्व समाप्त करना चाहती है। यही कारण है कि जनगणना के कॉलम में काफी कम जनसंख्या वाले धर्म के लोगों का कोड है, परंतु देश में आदिवासियों की जनसंख्या 12 प्रतिशत है। फिर भी सरना धर्म कोड जनसंख्या के कॉलम में कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा आदिवासी समाज कमजोर नहीं है। वह अपने हक और अधिकार के लिए अच्छी तरह से लड़ना जानता है और लड़कर अपना अधिकार लेगा। श्री ठाकुर ने कहा कि आज गढ़वा से ही पूरे देश में आदिवासी आंदोलन का संदेश जाएगा। सरना धर्म कोड को लागू करने के बाद ही केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में ही झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड को विधानसभा से पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेज दिया था। आज पांच साल पूरा होने को है फिर भी केंद्र सरकार ने इस पर कोई विचार नहीं की। अब जनसंख्या के कॉलम में कहीं भी सरना धर्म कोड नहीं जोड़ा गया है। यह आदिवासी समुदाय के साथ सरासर अन्याय है। केंद्र सरकार सिर्फ आदिवासियों की पहचान मिटाने के साजिश नहीं कर रही है, बल्कि उनका पूरा हक, अधिकार मारने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्र सरकार के इस नापाक मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देगी।
