Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana: केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना बनकर उभरी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य माताओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान आर्थिक सहयोग देना है, ताकि वे समय पर स्वास्थ्य जांच, पोषण और सुरक्षित प्रसव पर ध्यान दे सकें। खासकर पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए यह योजना बेहद लाभकारी साबित हो रही है।
पहली संतान पर 5 हजार रुपये की सहायता
PMMVY के तहत पहली संतान के जन्म पर कुल 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे तीन चरणों में लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
पहली किश्त: गर्भावस्था के शुरुआती पंजीकरण पर 1,000 रुपये
दूसरी किश्त: गर्भावस्था के 6 महीने पूरे होने और कम से कम एक एंटीनेटल जांच कराने पर 2,000 रुपये
तीसरी किश्त: बच्चे के जन्म के पंजीकरण और पहले टीकाकरण के बाद 2,000 रुपये
इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य मां और नवजात शिशु के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है।
दूसरी संतान बेटी होने पर अतिरिक्त लाभ
योजना की एक खास विशेषता यह है कि यदि दूसरी संतान के रूप में बेटी का जन्म होता है, तो सरकार की ओर से अतिरिक्त 6,000 रुपये की सहायता देने का प्रावधान भी है। यह कदम बेटियों को प्रोत्साहन देने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
किन महिलाओं को मिलता है योजना का लाभ
PMMVY का लाभ 19 वर्ष या उससे अधिक उम्र की विवाहित महिलाओं को दिया जाता है, जिनकी पहली गर्भावस्था 1 जनवरी 2017 के बाद हुई हो।
इसके अलावा निम्न वर्गों की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है:
अनुसूचित जाति / जनजाति
दिव्यांग महिलाएं
बीपीएल परिवार
आयुष्मान भारत योजना की लाभार्थी
ई-श्रम कार्डधारी
किसान सम्मान निधि पाने वाली महिलाएं
ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर तबके की महिलाओं के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है।
तय समय में आवेदन जरूरी
योजना का लाभ उठाने के लिए गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म के 270 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। निर्धारित समय सीमा के बाद आवेदन करने पर लाभ नहीं मिल पाता, इसलिए समय पर प्रक्रिया पूरी करना बेहद जरूरी है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध
PMMVY के लिए आवेदन की प्रक्रिया को सरकार ने आसान और पारदर्शी बनाया है।
ऑनलाइन आवेदन: pmmvy.wcd.gov.in पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है
ऑफलाइन आवेदन: नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र में जाकर
आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक या डाकघर की पासबुक, एमसीपी कार्ड जैसे दस्तावेज जरूरी होते हैं। तीनों किश्तों के लिए फॉर्म 1A, 1B और 1C भरना अनिवार्य है।
जमीनी स्तर पर दिख रहा सकारात्मक असर
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं इस योजना से खासा लाभ उठा रही हैं। लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि पहले आर्थिक तंगी के कारण नियमित जांच कराना मुश्किल होता था, लेकिन अब वे समय पर चेकअप और पोषण का ध्यान रख पा रही हैं। इससे सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ शिशु जन्म लेने की संभावनाएं बढ़ी हैं।
मातृत्व को सम्मान देने की पहल
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को स्वस्थ मातृत्व, सही पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जागरूक भी कर रही है। यह योजना माताओं, बच्चों और पूरे समाज के बेहतर भविष्य की नींव रखने का एक मजबूत प्रयास है।













