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रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की सीजीएल परीक्षा में संभावित घोटाले के आरोपों के चलते सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है। यह जांच हजारीबाग के राजेश प्रसाद द्वारा रातू थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की जा रही है। शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं और महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा की गई है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवाओं को बंद कराने का मकसद यह था कि पेपर लीक की जानकारी जेएसएससी तक न पहुंचे। दावा है कि इस पूरे षडयंत्र में जेएसएससी के अधिकारी, कर्मचारी, एजेंसियां और उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हैं, जो अपनी पसंद के लोगों को सरकारी पदों पर बैठाने की साजिश कर रहे थे।

शिकायत में यह भी कहा गया कि परीक्षा के प्रश्नों को बड़े पैमाने पर एसएससी-सीजीएल 2019 और 2022 के प्रश्नपत्रों से लिया गया। इन प्रश्नों को लीक कर अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा, परीक्षा के बाद तुरंत जारी हुई आंसर की में कुछ प्रश्नों के उत्तर जानबूझकर गलत दिखाए गए, ताकि आपत्तियां दर्ज कराई जा सकें।

शिकायतकर्ता के अनुसार, 26 सितंबर को जेएसएससी कार्यालय के बाहर छात्रों के बीच बातचीत हो रही थी। इसमें दावा किया गया कि परीक्षा से दो-तीन दिन पहले आसनसोल के एक होटल और नियामतपुर के एक विवाह भवन में छात्रों को इकट्ठा कर प्रश्नों और उनके उत्तरों को बताया गया। यही नहीं, मुजफ्फरपुर, रांची, मांडू, दिल्ली और काठमांडू जैसे स्थानों पर भी प्रश्नपत्र लीक किए जाने की बात सामने आई। शिकायत के अनुसार, इस घोटाले का उद्देश्य चुनिंदा अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाना था।

प्राथमिकी में तीन प्रमुख घटनाओं का उल्लेख किया गया है। इन घटनाओं के फोटो और वीडियो बनाने वाले अभ्यर्थियों से सीआईडी पूछताछ करेगी। प्राथमिकी के अनुसार, 21 और 22 सितंबर को राज्य भर में तीन पालियों में परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें सामान्य ज्ञान, जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा, और भाषा ज्ञान से जुड़े पेपर शामिल थे।

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