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Cloudburst in Kishtwar: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे पड्डर सब-डिवीजन के चशोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई। बादल फटने के बाद पहाड़ से आए पानी और मलबे में कई लोग बह गए। घटना के बाद अब तक 17 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। जबकि कई के शव मलबे में दबे होने की आशंका है। मलबे में CISF के एक जवान का भी शव मिला है। जबकि सीआईएसएफ के तीन जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। चशोती, मचैल माता मंदिर यात्रा का शुरुआती स्थान है।

हादसे की वजह से नेटवर्क की समस्या भी हो गई है, जिससे लोगों का बाहरी इलाके से संपर्क कट गया है। गांव में यात्रा के लिए जगह-जगह लंगर वाले टैंट भी लगाए गए थे, वे भी मलबे में बह गए। राहत व बचाव कार्य जारी है और स्थानीय लोग भी मदद में जुटे हुए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना के बाद स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें भी मौके के लिए रवाना कर दी गई हैं। शाह ने प्रभावित लोगों की सुरक्षा और शीघ्र मदद का भरोसा दिया है।


मचैल माता यात्रा हर साल अगस्त में होती है और इस बार 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चल रही है। यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं। चशोटी तक 210 किमी का सफर जम्मू से गाड़ियों द्वारा तय किया जा सकता है, जिसमें पद्दर से चशोती तक 19.5 किमी सड़क मार्ग है, इसके बाद मचैल तक 8.5 किमी की पैदल चढ़ाई होती है।