Cyclone Ditwah: श्रीलंका इस समय एक गंभीर संकट से जूझ रहा है, जिसे साइक्लोन दित्वा ने और भी भयावह बना दिया है। इस साइक्लोन के कारण हुई अत्यधिक बारिश ने देश के निचले हिस्सों को डुबो दिया और पहाड़ी इलाकों में मिट्टी के कटाव (लैंडस्लाइड) का सिलसिला शुरू कर दिया।
इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 80 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, और 34 लोग अभी भी लापता हैं। लगभग 1.5 लाख लोग इस संकट से प्रभावित हुए हैं, जबकि 195 राहत शिविरों में 14,000 लोग अस्थायी आश्रय में रहने के लिए मजबूर हैं।
मातले शहर में तो महज 24 घंटों के भीतर 540 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य बारिश के स्तर से कई गुना अधिक थी। पिछले 10 दिनों में 1000 मिमी से ज्यादा बारिश ने क्षेत्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि 150 मिमी बारिश भी लैंडस्लाइड का कारण बन सकती है, और यहां तो 500 मिमी से ज्यादा पानी गिर चुका है, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई है।
कोलंबो और गंपाहा में बढ़ती चिंता
विशेष रूप से कोलंबो और गंपाहा क्षेत्र की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां केलानी और अट्टानगालु नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। सरकार ने लोगों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने और जरूरी दस्तावेज़ों को साथ रखने की अपील की है।
आवश्यक सेवाओं का संकट
इस तूफान ने श्रीलंका के बुनियादी ढांचे को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। तीन प्रमुख पुल मोरगहकंडा मेन ब्रिज, एलाहेरा ब्रिज और कुमारा एला ब्रिज पूरी तरह बह गए हैं। बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई है, और देश के 25-30 फीसदी हिस्से में अंधेरा छाया हुआ है। ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से रद्द हो गई हैं और कई प्रमुख परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
इन हालातों को देखते हुए राष्ट्रपति ने आपातकालीन कानून लागू कर दिया है और बिजली, फ्यूल, अस्पताल तथा पानी को “जरूरी सेवाएं” घोषित कर दिया है। इसके अलावा, कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम को राहत केंद्र में बदला गया है, जहां 3,000 लोगों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की गई है।
भारत का सहयोग: ऑपरेशन सागर बंधु
भारत ने श्रीलंका के इस कठिन समय में मदद का हाथ बढ़ाया और ऑपरेशन सागर बंधु की शुरुआत की। भारतीय नौसेना के INS विक्रांत और INS उदयगिरि राहत सामग्री लेकर श्रीलंका पहुंचे हैं। इनमें 4.5 टन सूखा राशन, 2 टन ताजा खाने का सामान और अन्य जरूरी सामग्री शामिल हैं।
आगे की स्थिति
साइक्लोन दित्वा अब तेजी से उत्तर की ओर बढ़ रहा है और तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों की ओर बढ़ने की संभावना है। श्रीलंका के साथ-साथ भारत के तटीय क्षेत्र भी अब खतरे में हैं, और वहां के लोगों को भी तैयार रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने लोगों से अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही, समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी है।
श्रीलंका में यह संकट गंभीर होता जा रहा है और आशा की जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता से जल्द ही राहत मिल सकेगी।
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