रांची:- ओबीसी समुदाय का आरक्षण जब राज्य सरकार बढ़ा रही है तो महामहिम राज्यपाल आड़े आ जा रहे हैं। ओबीसी समुदाय के साथ भेद भाव क्यों? जबकि देश और राज्य में एससी-एसटी और ईडब्ल्यूएस को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दी जा रही है। माननीय प्रधानमंत्री मान्यवर नरेंद्र दामोदर दास मोदी से देश और राज्यों में ओबीसी को जनसंख्या अनुपात में 52% आरक्षण देने की मांग करता हूं। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने महामहिम राज्यपाल के बयान के उपरांत प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता में कहीं। ज्ञात हो कि जमशेदपुर मे महामहिम राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा आरक्षण बढ़ाने के बिल को संवैधानिक तौर पर खारिज करना ही होगा कहा था। महामहिम जिस राज्य तमिलनाडु से आते हैं उसे राज्य में कुल आरक्षण 69 प्रतिशत है। बिहार में 75% है,झारखंड में कुल आरक्षण 60% है। फिर कहां परेशानी हो रही है? श्री गुप्ता ने कहा कि देश में राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ईडब्ल्यूएस (अगड़ी जाति)का आरक्षण लगभग उनकी जनसंख्या के बराबर क्रमशः 15%, 7%, व को 10% दी जा रही है। झारखंड स्तर पर जनसंख्या अनुपात में अनुसूचित जाति 10%, अनुसूचित जनजाति 26%, ईडब्ल्यूएस अर्थात अगड़ी जाति 10%, ओबीसी की आबादी राज्य में 55% और आरक्षण 14% है। वही 1931 के जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 52% आबादी वाले ओबीसी समुदाय को आरक्षण सिर्फ 27 परसेंट ही क्यों? ओबीसी के आबादी के अनुसार 52% क्यों नहीं। जब इस वर्ग का आरक्षण बढ़ाने की बात आ रही है तो पिछड़ा वर्ग से आने वाले राज्यपाल महोदय आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दास मोदी से मांग करता है कि जब सभी वर्गों का उनके जनसंख्या अनुपात में आरक्षण प्राप्त हो गया तो ओबीसी को उनके जनसंख्या का अनुपात में 52% आरक्षण की व्यवस्था अविलंब की जाए।
प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा, संतोष गुप्ता, विष्णु कुमार, संजय वर्मा, डॉ. भगत शुभम विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।