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बांग्लादेश:हिंदू नेता की हत्या पर भड़कीं तसलीमा नसरीन, युनूस सरकार को हटाने की मांग

On: April 20, 2025 2:27 PM
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बांग्लादेश:हिंदू नेता भावेश चंद्र रॉय को घर से अगवा कर बेरहमी से हत्या के खिलाफ मशहूर बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन भड़क गई है।उन्होंने यूनूस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें सत्ता से बेदखल करने की मांग की है।उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू तभी बचेंगे, जब यूनुस की विदाई होगी।

दरअसल, बांग्लादेश में हिंदू नेता भावेश चंद्र रॉय को उनके घर से अगवा कर पीट-पीटकर मार डालने वाली घटना को लेकर बांग्लादेश से लेकर भारत में जबरदस्त आक्रोश है।भारत ने इस घटना को जघन्य बताते हुए बांग्लादेश सरकार को अलसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चेताया है। यूनुस सरकार को चेतावनी दी कि बहाने बनाना बंद कीजिए।

बता दें कि, पिछले सप्ताह बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के बिराल उपजिला से हिंदू समुदाय के बड़े नेता भावेश चंद्र को कट्टरपंथियों ने अगवा कर लिया था और बेरहमी से पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी गई। भावेश शतग्राम यूनियन के अंतर्गत बसुदेवपुर गांव के निवासी थे और बिराल यूनिट के बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद के उपाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थे। वे स्थानीय हिंदू समुदाय में एक सम्मानित नेता थे।

लेखिका तसलीमा नसरीन ने भावेश चंद्र की नृशंस हत्या को लेकर बांग्लादेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हिंदू नेता भावेश चंद्र रॉय को उनके घर से अगवा कर लिया गया और पीट-पीटकर मार डाला गया।

हम निश्चित रूप से अनुमान लगा सकते हैं कि हत्यारे कौन हैं? यूनुस हिंदुओं के हत्यारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। वह प्रचार करते हैं कि हिंदू ठीक-ठाक हैं और हिंदुओं के उत्पीड़न की सभी खबरें झूठी, अफवाह या भारत द्वारा गढ़ी गई हैं।

अगर यूनुस सत्ता में और बने रहे, तो देश जल्द ही हिंदुओं से खाली हो जाएगा। हिंदुओं को बचाने के लिए यूनुस को सत्ता से हटाना होगा।’ उधर, भारत ने भी भावेश चंद्र की हत्या को लेकर यूनुस सरकार पर निशाना साधा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘यह घटना अंतरिम सरकार के शासन में हिंदू अल्पसंख्यकों के संगठित उत्पीड़न के एक पैटर्न को दर्शाती है, जबकि पहले हुई ऐसी घटनाओं के अपराधी आज भी बिना किसी सजा के खुलेआम घूम रहे हैं।

हम इस जघन्य घटना की कड़ी निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को यह याद दिलाते हैं कि वह सभी अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए, बहाने न बनाए और किसी भी प्रकार का भेदभाव न करे।’

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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