झारखंड वार्ता डेस्क
चतरा। शनिवार की शाम चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय उच्च पथ-22 स्थित बगरा–जबड़ा मार्ग पर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दुर्दांत अपराधी एवं टाइगर गिरोह का सरगना उत्तम यादव उर्फ उत्तर यादव मारा गया। वह चतरा जिला मुख्यालय के सुरही मोहल्ला निवासी कन्हाई यादव का पुत्र था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार उत्तम यादव अपने एक साथी के साथ मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था। इसी दौरान हजारीबाग एटीएस के सादी वर्दीधारी जवान उसका पीछा कर रहे थे। पीछा करने की भनक लगते ही उत्तम ने पिस्टल निकालकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान दोनों ओर से 8–10 राउंड गोलियां चलीं। उत्तम को पेट, छाती और जांघ में तीन गोलियां लगीं और वह मौके पर ही ढेर हो गया।
उसका साथी अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में इलाके में सर्च अभियान चला रही है।
अस्पताल में उमड़ी भीड़
घटना के बाद पुलिस ने उत्तम यादव का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। शव को देखने के लिए अस्पताल में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग उसके आतंक और अपराधों की चर्चा करते देखे गए।
अपराध की लंबी कहानी
उत्तम यादव का अपराध से रिश्ता नया नहीं था। कुछ माह पूर्व उसने “टाइगर गिरोह” का गठन किया और अपने गुर्गों के साथ चतरा, हजारीबाग और आसपास के क्षेत्रों में आतंक फैला दिया। 22 जून को हजारीबाग में एक स्वर्ण व्यवसायी की दुकान पर दिनदहाड़े फायरिंग कर सनसनी फैलाई थी।
इसके बाद एके-47 हाथ में लेकर वीडियो वायरल किया, जिसमें पुलिस को खुली चुनौती देते हुए ठेकेदारों व व्यवसायियों से रंगदारी नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इसी समय से हजारीबाग व चतरा पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी।
करीब डेढ़ माह पहले चतरा पुलिस ने उसके कई गुर्गों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जबकि हजारीबाग पुलिस ने भी उसके कई साथियों को पकड़ा था।
हजारीबाग में बनाया था ठिकाना
भले ही उत्तम यादव चतरा का रहने वाला था, लेकिन उसने अपना ठिकाना हजारीबाग में बना लिया था। वहीं से वह फोन पर रंगदारी वसूलता और गिरोह का संचालन करता था।
पहले भी जा चुका था जेल
करीब चार साल पहले उत्तम यादव छेड़खानी मामले में जेल जा चुका था। नगवां मोहल्ला स्थित राजा तालाब के पास एक लड़की से छेड़खानी का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद सदर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे संगठित गिरोह खड़ा कर लिया।
पुलिस को मिली बड़ी सफलता
उत्तम यादव की मौत को पुलिस ने बड़ी सफलता बताया है। लंबे समय से वह पुलिस और प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ था। रंगदारी, गोलीबारी और खुलेआम धमकियों ने आम लोगों को भयभीत कर रखा था। उसकी मौत से अब पुलिस को राहत मिलने की उम्मीद है और क्षेत्र में शांति कायम होने की संभावना जताई जा रही है।