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झारखंड वार्ता

उत्तरप्रदेश:- मुस्लिम समाज की एक शिक्षिका (नेहा असमत) ने कुप्रथाओं का हवाला देते हुए सनातन धर्म अपना लिया। शिक्षिका ने बताया कि तीन तलाक और हलाला से डरकर उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया है। उन्होंने खुद और अपने सहकर्मी मोहित की जान का खतरा जताया है। शिक्षिका ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन कर खुद के हिंदू धर्म अपनाने और नाम ‘नेहा सिंह’ रखने की घोषणा की।

शिक्षिका की ओर से एसएसपी दफ्तर में पत्र देकर बताया गया है कि उसके पिता असमत अली, बीज विकास निगम में लेखाकार थे, जिनकी मौत हो चुकी है। बहन, बहनोई और एक अन्य व्यक्ति मां के साथ मिलकर उसकी शादी ऐसे शख्स (अधेड़) से करने का दबाव बना रहे थे जो अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद उसका हलाला करा चुका था। वह यह शादी पसंद नहीं करना चाहती है, परिवार ने दबाव बनाया तो उन्होंने घर छोड़ दिया।

शिक्षिका के अनुसार, उनके सनातनी बनने से कट्टरपंथी बौखला गए हैं, परिवार और मुस्लिम ठेकेदार षडयंत्र के साथ उनके सहकर्मी मोहित सिंह के खिलाफ बरेली के थाना बारादरी में अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी है। जबकि अपहरण की कहानी में दूर-दूर तक कोई सच्चाई नहीं हैं। शिक्षिका ने कहा कि उसने मर्जी से घर छोड़ा है और बगैर किसी दबाव के सनातन धर्म अपनाया है। कट्टरपंथी परिवार से उन्हें जान का खतरा है। शिक्षिका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बरेली की डीएम और एसएसपी को पत्र भेजकर परिवार से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है। उसने यह भी कहा है कि अगर सुरक्षा को लेकर उसे कोई भी परेशानी हुई तो उसका जिम्मेदार उसका परिवार होगा।