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सऊदी में शव्वाल का चांद दिखा ईद आज,और भारत में भी आज चांद का दीदार 31 को मनेगी!

On: March 30, 2025 1:44 PM
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एजेंसी: महीना भर का रोजा रखने के बाद इस्लाम धर्म मानने वाले ईद मनाने की तैयारी एक महीना पहले से ही करने लगते हैं और जब रोजा खत्म हो जाता है। उसके बाद ईद के चांद की दीदार के लिए उत्सुक रहते हैं और उसके दूसरे दिन ईद मनती है। तो लीजिए इंतजार खत्म हुआ सऊदी अरब में शव्वाल का चांद नजर आ गया है और वहां 30 मार्च को ईद मनाने की घोषणा कर दी गई है। क्योंकि आज राज्य में शव्वाल 1446 एएच के महीने का अर्धचंद्राकार चाँद देखा गया। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में भी चांद का दीदार हो गया है और इस तरह कल ईद मनाई जाएगी। हालांकि अभी तक ऐलान होना बाकी है। मस्जिदों से ऐलान नहीं हुआ है। सोशल मीडिया पर चांद मुबारक का सिलसिला जारी हो गया है।

भारत में, जहाँ चाँद दिखाई नहीं दिया, वहाँ ईद सोमवार, 31 मार्च को मनाई जाने की उम्मीद है, जो रमज़ान के अंत का प्रतीक है। हालाँकि, अंतिम पुष्टि कल देश में चाँद के दिखने पर निर्भर करेगी।

ईरान और पाकिस्तान में भी शनिवार को चांद नहीं दिखा। इन एशियाई देशों में भी ईद-उल-फितर 2025 भारत की ही तरह मनाई जाएगी, क्योंकि इन देशों में चांद रविवार रात को दिखाई देने की उम्मीद है।

भारत में ईद-उल-फितर की तारीख कैसे तय होती है?

ईद-उल-फ़ितर का जश्न इस्लामी महीने शव्वाल के नए चाँद के दिखने पर निर्भर करता है। चाँद की दृश्यता के आधार पर रमज़ान 29 या 30 दिनों तक चलता है। इस साल, भारत में रमज़ान 29 दिनों में खत्म होने की उम्मीद है, जिससे ईद 31 मार्च, सोमवार को होने की संभावना है। हालाँकि, अगर रविवार को चाँद नहीं दिखा, तो ईद 1 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी।

भारत में ईद-उल-फितर की तारीख कौन घोषित करता है?

रूएट-ए-हिलाल समिति विभिन्न क्षेत्रों से चाँद दिखने की रिपोर्ट के आधार पर ईद की तारीख की आधिकारिक घोषणा करने के लिए जिम्मेदार है। कई क्षेत्रों और संप्रदायों के धार्मिक अधिकारी और समितियाँ भी निर्णय लेने में योगदान देती हैं। शव्वाल का चाँद दिखने और सत्यापित होने के बाद, आधिकारिक घोषणा की जाती है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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