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पशु-पक्षी और पेड़-पौधों को संरक्षित कर पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित करें : आनंद मार्ग

On: June 6, 2025 3:41 AM
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मेराल (गढ़वा): पर्यावरण दिवस के अवसर पर बंका रोड, मेराल अवस्थित एस जी एन मॉडर्न किंडरगार्डन विद्यालय में वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर भुक्ति प्रधान धर्मेंद्र देव, विधायक प्रतिनिधि डॉक्टर लालमोहन एवं सहयोगी रोहित देव ने वृक्ष लगाकर तथा बच्चों को पर्यावरण संतुलन के बारे में पेड़ की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

रोहित देव ने बताया कि पेड़ पौधे संपूर्ण जीवन की प्राण वायु के स्रोत हैं पर्यावरण को दूषित होने से बचाते हैं तथा वे हमें सांस लेने के लिए आक्सीजन प्रदान करते हैं। विधायक प्रतिनिधि एवं यूनिट सेक्रेटरी ने कहा कि यह संस्था हर वर्ष अनेकों पौधे लगाने को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रत्येक को विशेष अवसरों पर वृक्षारोपण करना चाहिए।

विद्यालय के निदेशक सह भुक्ति प्रधान धर्मेंद्र देव ने कहा कि वर्तमान समय में हम मनुष्य अपनी भोगवादी स्वभाव के कारण अपने ही गलत कार्यों तथा दुरुपयोग के कारण मां वसुंधरा के साथ उचित व्यवहार नहीं करने के परिणाम स्वरुप पृथ्वी पर कई तरह की प्राकृतिक या कृत्रिम आपदा -विपदा तथा समस्याओं से आज हम स्वयं परेशान है जिसमें पर्यावरण जहरीले बन गए हैं पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया है तथा और भी बिगड़ते जा रहा है नदियां छोटी-छोटी नालियों में परिवर्तित हो गए हैं तथा बन गए कहीं तापमान में बढ़ोतरी तो कहीं काल तो कहीं भूकंप तो कहीं तूफान तो कहीं बाढ़ तो कहीं जल का स्तर नीचे जाने का खतरा दस्तक दे रहा है परिणाम स्वरुप हमारा दैनिक जीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं। हम मनुष्यों के कुकृतियां झूठी लालसा जड़ भोग विलासवादी मानसिकता व दिखावा वाले आधुनिकीकरण के कारण विभिन्न प्रकार के शारीरिक व मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो गए हैं जो हमारे सभ्यता संस्कृति एवं आदर्श जीवन के लिए विनाशक साथ ही साथ हम वन्य प्राणियों, वनस्पतियों, वायुमंडल, जल संपदा सभी में आ गए हैं। अर्थात पर्यावरण पर संकट छा गया है और हम मनुष्य इसी पर्यावरण पर आश्रित है। जिसके कारण निकट भविष्य में मनुष्य मात्र के जीवन अस्तित्व के ऊपर संकट का खतरा मंडरा रहा है। मनुष्य इस सृष्टि में सबसे सक्षम प्राणी है इसलिए प्राकृतिक जड़ चेतन के तमाम संसाधनों एवं संवत समदर्शन मनुष्य मात्र का परम दायित्व है। मगर अध्ययन तथा शोध से पता चलता है जितना प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग तथा पर्यावरण का संतुलन का जिम्मेवार मनुष्य है दूसरा कोई जीव नहीं है इसलिए हम मनुष्यों की नैतिक जिम्मेदारी है व कर्तव्य है कि स्वयं को सुधार कर मां वसुंधरा की संरक्षण व संवर्धन करें। इसे विनाश होने से बचाएं।

इसके लिए सभी समय रहते इस परिस्थितियों को बहुत कुछ नहीं कर पाएंगे किंतु छोटी-छोटी पहलुओं को अपनाकर हम एक दिन निश्चित ही उपरोक्त समस्याओं का समाधान कर पाएंगे इस अवसर पर संकल्प लिया गया कि..

प्रत्येक वर्ष एक वृक्ष लगाएंगे और अन्य को भी शादी ,जन्मदिन तथा अन्य अवसरों में वृक्षारोपण कर उनका संवर्धन के लिए प्रेरित करेंगे।

जल के विभिन्न स्रोतों को प्रदूषण और नष्ट नहीं करेंगे तथा संवर्धन करेंगे।

जल का संरक्षण करेंगे , विशेष कर खाद जलावन और जल का दुरुपयोग रोकने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहेंगे।

अपने आसपास जल का संचय करेंगे जिससे भूजल का स्तर बढ़ेगा, ऐसा विधि अपनाएंगे जिससे वर्षा का जल का समुचित उपयोग हो सके।

कचरे को कूड़ेदान में ही सदैव डालेंगे की आदत अपनाएंगे जीव जंतु और पशु पक्षियों के प्रति प्रेम -भाव रखेंगे इनके दाना पानी की व्यवस्था करेंगे।

गर्मियों में हमारे घर के पास से गुजरने वाले प्राणियों को पानी पीने की व्यवस्था करेंगे।

नजदीकी कार्य पैदल अथवा साइकिल से करेंगे।कागज का अनावश्यक उपयोग नहीं करेंगे और अन्य को इसके लिए प्रेरित करेंगे।

कागज का अनावश्यक उपयोग नहीं करेंगे और अन्य को इसके लिए प्रेरित करेंगे।

खुले में शौच न जाकर शौचालय का उपयोग करेंगे।

बिजली बचाने का प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर विद्यालय के सभी बच्चे तथा शिक्षक गण रामाशीष राम, करण कुमार‌ कौशल, राहुल कुमार, संजय कुमार गुप्ता, संजय ठाकुर ,अखिलेश्वर मिश्रा आकाशदीप एवं पंकज कुमार चौधरी उपस्थित थे।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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