Ranchi: रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान, ओरमांझी में बुधवार रात एक दुखद घटना हुई। पश्चिम बंगाल के अलीपुर जू से महज 08 अगस्त 2025 को लाई गई छह वर्षीय मादा जिराफ ‘मिस्टी’ की अचानक मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
अचानक बिगड़ी तबीयत
जू के चिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश साहू ने बताया कि बुधवार आधी रात के करीब सूचना मिली कि मादा जिराफ मिस्टी जमीन पर गिरी हुई है। जब तक वह मौके पर पहुंचे, तब तक जिराफ की मौत हो चुकी थी।
पोस्टमार्टम और जांच
मृत जिराफ का पोस्टमार्टम रांची वेटनरी कॉलेज के चिकित्सक डॉ. एन. के. गुप्ता और प्रज्ञा लकड़ा की टीम ने किया। डॉ. साहू ने बताया कि जिराफ के महत्वपूर्ण अंगों को विस्तृत जांच के लिए IVRI (इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट), इज्जतनगर, बरेली भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह स्पष्ट हो पाएगी।
जू परिवार में मायूसी
मिस्टी को रांची लाए सिर्फ 27 दिन ही हुए थे। उसे एक जोड़ा हिमालयन भालू और एक जोड़ा घड़ियाल के बदले एक्सचेंज योजना के तहत रांची भेजा गया था। मिस्टी के साथ अलीपुर जू से सिल्वर फिजेंट का एक जोड़ा भी रांची पहुंचा था।
जू प्रबंधन के अनुसार, जिराफ का औसत जीवनकाल चिड़ियाघरों में 18 से 20 साल और प्राकृतिक आवास में 15 से 17 साल होता है। लेकिन महज छह साल की उम्र में मिस्टी की असामयिक मौत ने पूरे जू परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया है।
अंतिम संस्कार कर दिया गया
जू प्रशासन ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मिस्टी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। चिड़ियाघर के कर्मचारियों और अधिकारियों ने नम आंखों से उसे विदाई दी।
रांची: बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में मादा जिराफ ‘मिस्टी’ की मौत, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

