हजारीबाग: हजारीबाग में चर्चित वन भूमि घोटाले के आरोप में जेल में बंद IAS अधिकारी विनय चौबे को बड़ी कानूनी झटका लगा है। हजारीबाग निगरानी कोर्ट ने बुधवार को उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्हें फिलहाल जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
सोमवार को हुई सुनवाई में विशेष लोक अभियोजक अनुराग कुमार सिंह और विनय चौबे की ओर से पेश अधिवक्ता शंकर बनर्जी ने अपने-अपने पक्ष रखे थे। दोनों पक्षों की विस्तृत बहस सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अब सुनाया गया है।
वन भूमि घोटाले में नया मोड़
विनय चौबे पहले से ही चर्चित शराब घोटाला और हजारीबाग खासमहल (सेवायत) भू-माफिया मामले में आरोपी हैं। इसी सिलसिले में 10 नवंबर को ACB ने उनके हजारीबाग कार्यकाल में हुए वन भूमि घोटाले में भी उन्हें आरोपी बना दिया।
ACB ने इस केस में पहले ही प्राथमिक जांच पूरी कर ली थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर रांची ACB ने कांड संख्या 11/2025 दर्ज करते हुए 73 लोगों को आरोपित बनाया है।
इन पर भी लगे आरोप
इस मामले में अन्य नामजद आरोपियों में शामिल हैं विनय चौबे के करीबी विनय सिंह, विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह, हजारीबाग के विधायक प्रदीप प्रसाद, तत्कालीन CO शैलेश कुमार, कथित ब्रोकर विजय सिंह और अन्य लोग, जिनकी संख्या कुल मिलाकर 73 है।
ACB का आरोप है कि इन सभी ने मिलकर वन विभाग की भूमि को अवैध तरीके से हस्तांतरित करने और बेचने की साजिश रची।
वन भूमि घोटाला: IAS विनय चौबे को कोर्ट से नहीं मिली राहत, जमानत याचिका खारिज














