लातूर: कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। पाटिल ने सुबह करीब 6:30 बजे महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनका उपचार लातूर में ही चल रहा था।
लंबा और प्रभावशाली राजनीतिक करियर
शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल रहे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और प्रशासनिक पदों पर अपनी छाप छोड़ी। वे लोकसभा अध्यक्ष रहे। उन्होंने केंद्र सरकार में गृह मंत्रालय सहित कई अहम मंत्रालयों का दायित्व संभाला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले दौर में भी उन्होंने संगठन में मुख्य भूमिकाएं निभाईं। साल 2004 के आम चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री बनाया। हालांकि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
राजनीति में सादगी और विनम्रता के प्रतीक
शिवराज पाटिल को उनकी साफ-सुथरी छवि, सरल स्वभाव और प्रशासनिक अनुभव के लिए जाना जाता था। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उनकी कार्यशैली की व्यापक सराहना हुई। उन्होंने संसदीय परंपराओं को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
क्षेत्र और प्रदेश में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से लातूर सहित पूरे महाराष्ट्र व कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर फैल गई है। स्थानीय स्तर पर उन्हें लोगों से जुड़े रहने वाले नेता के रूप में याद किया जाता है।
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस












