उत्तरप्रदेश: गोरखपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो चोरी के लिए लोगों को हायर करता था। चोरों को न केवल टाइम पर वेतन दिया जाता था बल्कि उन्हें विभिन्न भत्ते भी दिये जाते थे। इसमें यात्रा के लिए दिया जाने वाला भत्ता भी शामिल है। यानी अगर चोर चोरी के लिए कैब या किसी वाहन का इस्तेमाल कर रहा है तो उसका किराया भी उसे यही गिरोह देता था। ये गैंग अलग-अलग राज्यों में जाकर मोबाइल की चोरी किया करता था। लोग एक राज्य में जाकर कुछ दिन रहते थे। वहां से कई मोबाइल चुराते थे। फिर वापस अपने राज्य लौट जाते थे। इस गिरोह में शामिल हर चोर को 15 हजार की सैलरी, मुफ्त खाना और इसके अलावा एक राज्य से दूसरे में जाने के लिए लगने वाला किराया भी दिया जाता था।
एसपी जीआरपी संदीप मीणा ने सोशल मीडिया पर इस गिरोह की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से चोरी के 44 फोन बरामद किये गए हैं, जिसकी कीमत 10 लाख के करीब है। ये लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर या रेलवे स्टेशन से लोगों के फोन चुराते थे। पुलिस ने बताया कि ये गैंग पूरे भारत में एक्टिव है। जिन तीन आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट किया है वो झारखंड और यूपी के रहने वाले हैं। आरोपियों की पहचान झारखंड के साहिबगंज निवासी मनोज मंडल, पहाड़ निवासी करण कुमार और एक नाबालिग के तौर पर हुई है।
ये लोग मोबाइल चुराने के बाद राज्य छोड़ देते थे। इसके बाद उन्हें नेपाल और बांग्लादेश में सस्ते दामों में बेचा जाता था। जिससे ये लोग मोटी कमाई करते थे। गिरफ्तार किये गए अपराधियों ने बताया कि उन्होंने अभी तक दो सौ से अधिक फोन बेचे हैं। पुलिस ने गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की पहचान करने के लिए जांच तेज कर दी है और इसके साथ ही मोबाइल की बिक्री के नेटवर्क का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है।