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गढ़वा: शुक्रवार (7 फरवरी 2025) को उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री शेखर जमुआर ने समाहरणालय सभागार में जनता दरबार का आयोजन किया। आज के जनता दरबार में लगभग 20 आवेदन प्राप्त हुए जिसे उपायुक्त ने सभी आवेदनों को संबंधित पदाधिकारी के पास भेज प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द निष्पादित करने का निर्देश दिया।

जनता दरबार में उपायुक्त ने लोगों की समस्याओं को एक-एक कर सुना। उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी एवं कर्मी लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का प्रयास करें,ताकि जिला प्रशासन के प्रति लोगों का विश्वास बना रहे। जनता दरबार में आवास योजना, बैंक से संबंधित मामले,स्वास्थ्य, वृद्घा पेंशन,जमीन, राशन, पानी आदि से संबंधित मामलों से लोगों ने उपायुक्त को अवगत कराया।

सर्वप्रथम जनता दरबार में गढ़वा ब्लॉक के ग्राम पाचाडुमर के विरवल राम ने अपने आवेदन के माध्यम से उपायुक्त को बताया कि उनके जमीन पर दूसरे व्यक्ति के द्वारा जबरदस्ती मकान का निर्माण कराया जा रहा है। रोकने पर वह मारपीट करने लगता है। उन्होंने बताया कि वे अपने जमीन की मापी सरकारी अमीन से भी करा रखा है इसके बावजूद भी वह दबंग व्यक्ति इसको मानने से इंकार कर रहा है। उन्होंने उपायुक्त से उनके जमीन पर बन रहें मकान पर रोक लगाते हुए न्याय दिलाने की मांग की। वहीं प्रखंड धुरकी ग्राम शिवरी से आये दिनेश कुमार ने अपने आवेदन के माध्यम से उपायुक्त को बताया कि उन्हे मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50 हजार का लोन पास हुआ है जिसका चेक उन्हें अभी तक नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि जब भी वह चेक को लेकर संबंधित कार्यालय में जाते हैं तो उन्हें बाद में आने कि बातें बोलकर भेज दिया जाता है। अतः उन्होंने उपायुक्त से चेक दिलवाने की मांग की।

ग्राम पोस्ट डंडई से आये मनीष कुमार ने अपने आवेदन के जरिए उपायुक्त को बताया कि उनके पिता एक जन वितरक दुकानदार हैं। किसी कारणवश उनके पिता के दुकान को वर्ष 2024 में निलंबित कर दिया गया था उसके बाद दुकान के संपूर्ण 560 लाखों का आवंटन बैरियादामर गांव के जन वितरण दुकानदार सफीक अंसारी के दुकान में टैग कर दिया गया। किंतु वहा सम्पूर्ण लाभुकों के आवंटन को कालाबाजारी कर दिया गया। जिसकी जाँच कराने पर सही पाया गया। जिसके बाद सफीक अंसारी के  खिलाफ डंडई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए पुनः मेरे पिता के दुकान को निलंबन मुक्त कर दिया गया। किंतु कालाबाजारी किए गए आवंटन लाभको को नहीं मिल पाया, जिसकी वजह से वे सभी बार-बार नोक झोक करते रहते हैं। अतः उन्होंने उपायुक्त से अवितरित अवशेष खाद्यान्न दिलाने की मांग की ताकि वे लोगों के बीच उसका वितरण कर सके।

इसी तरीके से उपायुक्त ने एक-एक कर सभी आवेदनों के माध्यम से लोगों की समस्याओं को सुना एवं उसके समाधान हेतु संबंधित पदाधिकारी को उनका आवेदन अग्रसारित किया।

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