भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले से रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। बेटे के प्रेम विवाह से नाराज एक महिला ने अपने ही नवजात पोते को बेच दिया। यह सौदा 50 हजार रुपये में किया गया, जिसमें एक डॉक्टर सहित कई महिलाएं शामिल रहीं। पुलिस ने इस मामले में चार महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बच्चा खरीदने वाला डॉक्टर अब भी फरार है। नवजात शिशु की तलाश जारी है।
यह घटना भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र के अगिआंव गांव की है। पीड़िता खुशबू कुमारी ने 16 दिसंबर को गड़हनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
अस्पताल से घर लौटने के बाद रची गई साजिश
एफआईआर के अनुसार, खुशबू कुमारी को प्रसव के लिए 6 दिसंबर को उसकी सास क्रिंता देवी अगिआंव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई थी। 7 दिसंबर को खुशबू ने एक बेटे को जन्म दिया। प्रसव के बाद दोनों घर लौट आईं। इसी दौरान क्रिंता देवी ने पहले से रची गई साजिश के तहत नवजात को बेचने की योजना को अंजाम दिया।
बताया गया कि कविता शर्मा, चांदनी शर्मा और अन्य लोगों की मदद से बच्चे को ले जाया गया और रोहतास जिले के दिनारा में क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर को 50 हजार रुपये में बेच दिया गया।
बहू को घर में किया कैद
बच्चे को बेचने के बाद क्रिंता देवी ने खुशबू कुमारी को घर में बंद कर दिया। उसे बताया गया कि बच्चा चांदनी शर्मा को दे दिया गया है। करीब पांच दिनों तक कैद में रहने के बाद खुशबू किसी तरह घर से भागने में सफल हुई और आरा में अपने रिश्तेदार के यहां पहुंची। इसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया।
खुशबू ने बताया कि मेरे पति चितरंजन कुमार गुजरात के सूरत में प्राइवेट जॉब करते हैं। मेरी डिलीवरी से एक हफ्ते पहले मेरी सास ने मुझसे मोबाइल छीन लिया था, मुझे चितरंजन से बातचीत नहीं करने देती थी। डिलीवरी के बारे में भी चितरंजन को कुछ नहीं पता। डिलीवरी के तीन दिन बाद जब चितरंजन का कॉल आया और उन्होंने मेरी सास से जोर देकर मुझसे बात कराने को कहा, तब मेरी बात हुई। फिर मैंने अपने पति को सारी बात बताई। फिलहाल, मेरे पति आने वाले हैं। मैं अपनी एक रिश्तेदार के घर पर रह रही हूं।
प्रेम विवाह बना विवाद की जड़
पुलिस जांच में सामने आया है कि चितरंजन और खुशबू कुमारी आपस में रिश्ते में चचेरे भाई-बहन हैं और दोनों ने प्रेम विवाह किया था। इसी बात से चितरंजन की मां क्रिंता देवी नाराज थी। पुलिस के अनुसार, बहू-बेटे को अलग करने और विवाह को तोड़ने के उद्देश्य से उसने नवजात को बेचने की साजिश रची।
चार महिलाएं गिरफ्तार, डॉक्टर फरार
पुलिस ने मामले में क्रिंता देवी (पीड़िता की सास), कविता शर्मा, चांदनी शर्मा और प्रीति कुमारी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 49 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं। सभी महिलाओं ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। खुशबू की सास ने पूछताछ में बताया कि उसने कविता और चांदनी की मदद से अपने नवजात पोते का सौदा किया है। पुलिस ने बताया कि चांदनी शर्मा ने नवजात की बिक्री में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी, जबकि प्रीति कुमारी डॉक्टर की सहयोगी है। फरार डॉक्टर दिलीप कुमार उर्फ हरिशंकर पंडित सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के हुकाडीह गांव का निवासी है, जो दिनारा सहित कई जगहों पर निजी क्लिनिक चलाता है।
आरोपी चांदनी शर्मा ने पुलिस को बताया कि कविता शर्मा उसकी रिश्तेदार है, जिसके माध्यम से रोहतास के हुंकाडीह गांव निवासी डॉक्टर दिलीप उर्फ हरिशंकर पंडित से संपर्क हुआ। डॉक्टर ने 50 हजार रुपये में नवजात को खरीदा था।
बच्चा अब तक बरामद नहीं
पुलिस अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। फिलहाल बच्चा बरामद नहीं हो सका है, लेकिन पुलिस की टीमें लगातार तलाश में जुटी हैं। मामले को मानव तस्करी और गंभीर आपराधिक साजिश मानते हुए जांच तेज कर दी गई है।














