रांची: झारखण्ड के महान नेता दिशोम गुरूजी की अंतिम विदाई पर राज्य सभा सांसद परिमल नथवाणी भावुक हुए और कहा कि गुरुजी आदिवासियों व वंचितों के साथ साथ समाज के सभी वर्गों की भलाई चाहते थे और उनके कल्याण के लिए सदा प्रतिबद्ध व कार्यरत रहे। दो दिन से लगातार गुरुजी विषयक सोश्यल मीडिया पर नथवाणी गुरुजी के प्रति अपना सम्मान व भावनाएं प्रकट कर रहे है। गुरुजी के निधन की खबर सुनकर नथवाणी तुरन्त राज्य के मुख्यमंत्री और गुरुजी के सुपुत्र हेमन्त सोरेन के पास पहुंचे और अपनी शोक संदेवनाएं रूबरू में प्रदर्शित की।
नथवाणी ने कहा कि हेमन्त सोरेन भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए झारखण्ड के विकास और आदिवासियों की भलाई के लिए हंमेशां कार्यरत रहते हैं। आपने कहा कि मैंने हेमन्त सोरेन में एक शोक संतप्त पुत्र के अलावा अपने पिता के कार्यों और विरासत को आगे बढ़ाने की लगन, कर्मठता एवं प्रतिबद्धता की छवि देखी है। ज्ञातव्य है कि नथवाणी फिलहाल आंध्र प्रदेश से राज्य सभा सांसद हैं परन्तु वर्ष 2008 से वर्ष 2020 तक की लगातार दो अवधियों के लिए वे झारखण्ड से राज्य सभा सांसद रह चुके हैं। नथवाणी ने याद किया कि मैं एक बाहरी और निर्दलीय सांसद होते हुए भी मेरे कार्यकाल के दौरान और मेरी पुस्तक झारखण्ड मेरी कर्मभूमि की रचना के दौरान मुझे गुरुजी और माननीय हेमन्त सोरेन से काफ़ी स्नेह, सौहार्द और सहयोग प्राप्त हुआ जो मैं कभी नहीं भूल सकता। नथवाणी ने कहा कि दिशोम गुरुजी की आत्मा की चिर शान्ति के लिए मैं प्रार्थना करता हूं।