हजारीबाग: ‘अंतर्राष्ट्रीय मुस्कान दिवस’ पर वैचारिक संस्था सागर भक्ति संगम के तत्वाधान में ‘मुस्कान की सामाजिक महत्ता’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ ‘ना सर उठा के जियो, ना सर झुका के जियो, गमों का दौर आए तो मुस्कुरा के जियो’ के सामूहिक गायन से हुआ। गोष्ठी में सम्मिलित सदस्यों ने एक दूसरे को पुष्प गुच्छ और मुस्कुरा कर अभिवादन किया। गोष्ठी की अध्यक्षता संगम के संयोजक विजय केसरी एवं संचालन संजय खत्री ने किया।
अध्यक्षता करते हुए संगम के संयोजक विजय केसरी ने कहा कि आज की बदली परिस्थिति में जहां चहुं ओर अविश्वास और अशांति का माहौल विद्यमान है। इस विषम परिस्थिति से मुकाबला करने के लिए सामाजिक समरसता और सौहार्द आवश्यक हो गया है । समाज के चेहरे से मुस्कुराहट गायब हो चुकी है। हर एक मुस्कुराहट में अपार जीवनी शक्ति निहित होती है। अपनी एक आदत बना लें,जब भी किसी से मिलें, मुस्कुरा कर मिलें। आपके आसपास का माहौल सुमधुर बन जाएगा। जिन कार्यों से आपकी मुस्कुराहट जाती है, वैसे कार्यों से खुद को बचाने का काम करें। जब व्यक्ति मुस्कुराते रहता है, तभी वह बेहद सुंदर दिखता है। मुस्कुराहट की अवस्था में व्यक्ति सहज, सरल बन जाता है। ईश्वर के इस तोहफे का हर व्यक्ति को लाभ लेना चाहिए।
शिक्षाविद वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि प्रकृति ने मुफ्त में हर एक व्यक्ति को मुस्कुराहट दी है। व्यक्ति मुस्कुराहट बांट कर दुनिया को मुस्कुराहट में बदल सकता है। आज समाज धीरे-धीरे कर अपनी मुस्कुराहट को खोता चला जा रहा है । यह किसी भी मायने में उचित नहीं है। मुस्कुराहट निर्विकार होनी चाहिए । मुस्कुराहट अंदर की खुशी को प्रकट करती है। हर व्यक्ति को छल-प्रपंच से मुक्त होकर मुस्कुराहट के साथ जीवन जीना चाहिए।
समाजसेवी संजय खत्री ने कहा कि मुस्कुराहट ईश्वर की सबसे बड़ी अनमोल उपहार है। मुस्कुराहट जीवन को बदल कर रख देती है। मुस्कुराहट बांटने में कभी भी व्यक्ति को पीछे नहीं रहना चाहिए ꫰
सामाजिक समरसता के लिए मुस्कुराहट बहुत जरूरी है । गुस्से के क्षण में भी अगर व्यक्ति थोड़ा सा अभ्यास कर ले मुस्कुराने का एक बड़ी अनहोनी से बच सकता है।
आयोजित गोष्ठी में शंभू शरण सिन्हा, तृप्ता गुप्ता, बीना अखोरी, योगेंद्र प्रसाद गुप्ता, अजीत कुमार, सुरेंद्र गुप्ता पप्पू, सुरेश मिस्त्री, अशोक प्रसाद, डॉक्टर सुरेश प्रसाद, गोपाल ठाकुर, मनोज प्रसाद, प्रदीप स्नेही, सतीश होर्राअखिलेश सिंह, बी.बी कुशवाहा सहित काफी संख्या में प्रबुद्ध जन सम्मिलित हुए। धन्यवाद ज्ञापन गोपाल ठाकुर ने किया।