होलिका दहन कल, जानिए इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं

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झारखंड वार्ता न्यूज

Holika Dahan 2024:- इस वर्ष होलिका दहन कल यानी 24 मार्च को किया जाएगा। फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है और फिर इसके अगले दिन होली का पर्व मनाया जाता है। होलिका दहन के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते हैं होलिका दहन के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं:

होली के दिन करें ये काम

• होलिका दहन शुरू हो जाने पर अग्नि को प्रणाम करें और भूमि पर जल डालें।

• होलिका दहन देखने के लिए जब भी जाएं अपनी जेब में सूरमा या काजल की डिब्बी जरुर रखकर लेकर जाएं।

• यदि किसी को नजर लगने की आशंका हो तो नारियल को सिर से सात बार वार करके होलिका की अग्नि में डाल दें।

• उबटन लगाकर शरीर का जो भी मैल हो उसे होलिका की अग्नि में डाल दें इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है उपले अथवा लकड़ी जरूर डालें।

• होलिका दहन के दिन होलिका प्रज्ज्वलित होने के बाद उसमें 11 उपलों की माला, पान, सुपारी, नारियल, अक्षत, चना इत्यादि, साथ ही भोग में मीठा अर्पित करना चाहिए। उसके बाद श्रीहरि विष्णु का नाम लेकर सात बार होलिका की अग्नि की परिक्रमा करनी चाहिए।

• गेहूं की बाली को पकाकर प्रसाद रूप में ग्रहण करें।

होली के दिन भूलकर भी न करें ये काम

• यदि आपको पैसों की जरुरत है और किसी से उधार लेना पड़े तो भूलकर भी होलिका दहन के दिन किसी से भी कर्ज न लें वरना आपको अधिक आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

• होलिका दहन की पूजा करते समय काले रंग के कपड़े न पहनें।

• होलिका दहन के समय होलिका की अग्नि में अपने घर से निकला कूड़ा कबाड़ न डालें। ऐसा करना शास्त्रों में शुभ नहीं माना गया है।

• यदि आप होलिका दहन देखने के लिए जा रहे हैं तो खाली हाथ बिल्कुल भी न जाएं। आप चाहें तो चावल, मालपुआ, गेंहू की बाली, उपले आदि लेकर जाएं और होलिका की अग्नि में इनकी आहुति दें।

• इस दिन तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन न करें।

• होलिका दहन के दिन तांत्रिक क्रियाएं भी होती है, ऐसे में इस दिन सड़क पर पड़ी किसी चीज को हाथ या पैर न लगाएं।

होलिका दहन की सावधानियां

भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए उत्तम मानी जाती है। अगर ऐसा योग नहीं हो तो भद्रा समाप्त होने पर होलिका दहन करें। भद्रा मध्य रात तक हो तो भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन का विधान है।

महाप्रयोग

होलिका दहन हो जाने के बाद उसकी थोड़ी सी राख ले आएं। इसको किसी पात्र में सुरक्षित रख लें। जब भी किसी महत्वपूर्ण कार्य से जाना हो तो इसका तिलक लगाकर जाएं। ऐसा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। ‘झारखंड वार्ता’ इसकी पुष्टि नहीं करता।)

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