रांची: प्रदेश की राजधानी रांची स्थित होटवार जेल अक्सर किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहता है। इसी बीच इस बार एक ऐसी खबर आई जो सुर्खियों में है। जेल में व्यवस्था का अवलोकन करने के लिए न्यायिक समिति ने औचक रेड मारा। इस दौरान मनी लांड्रिंग में बंद ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के अपर डिविजन सेल से मोबाइल का चार्जर बरामद हुआ था।
न्यायिक समिति की टीम की छापेमारी में मोबाइल की बरामदगी तो नहीं हो सकी थी, लेकिन चार्जर की बरामदगी ही जेल के पदाधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई का आधार बना।
न्यायिक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर आईजी जेल सुदर्शन प्रसाद मंडल ने होटवार जेल से जुड़े सभी संबंधितों पर कार्रवाई की है। इस मामले में जिनके विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है, उनमें मुख्य उच्च कक्षपाल अवधेश कुमार सिंह व क्लर्क प्रमिला कुमारी निलंबित हुए हैं।
अनुबंध पर बहाल पूर्व सैनिक मिटकू उरांव व विश्वनाथ उरांव की सेवा समाप्त हुई। इसके अलावा होटवार केंद्रीय कारा के अधीक्षक सुदर्शन मुर्मू व सहायक जेलर देवनाथ राम से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
होटवार जेल में रिश्वतखोरी, कैदियों से दुर्व्यवहार, अनियमितता की शिकायत पर ही कोर्ट के आदेश पर न्यायिक समिति की टीम ने जेल की व्यवस्था का जायजा लिया था।
समिति ने जेल में छापेमारी की तो मंत्री आलमगीर आलम के सेल से मोबाइल का चार्जर मिला और एक कैदी बिना नानवेज की तिथि के मुर्गा खाते मिला। मुर्गा खाने वाले कैदी के बारे में जेल प्रशासन ने न्यायिक समिति को बताया कि कैदी अपने पैसे से कैंटीन से कुछ भी खरीदकर खा सकता है।
जिन जेलों में वीआईपी कैदी हैं, वहां के पदाधिकारी व कर्मियों को व्यवस्था बनाने में परेशानी होती है और वे कार्रवाई के दायरे में आते रहे हैं। मनी लांड्रिंग के मामले में रांची के होटवार स्थित केंद्रीय कारा में बंद कैदियों के मामले में पूर्व में जेल में अनियमितता का मामला उजागर हो चुका है।
पूर्व में कईयों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। अब नया मामला हजारीबाग सेंट्रल जेल में आया है, जिसके बाद वहां की व्यवस्था भी कटघरे में है। छह निलंबित, छह की सेवा समाप्ति के बाद अब एसीबी की हिरासत में जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह का जाना चर्चा में है।











