कैसे इंदिरा गांधी ने श्रीलंका को सौंपी भारत की जमीन? RTI में चौंकाने वाला खुलासा

ख़बर को शेयर करें।

झारखंड वार्ता न्यूज

नई दिल्ली:- कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने के मुद्दे पर आरटीआई (RTI) से मिले जवाब में खुलासा हुआ कि 1974 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने एक समझौते के तहत कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, इंदिरा गांधी ने तमिलनाडु में लोकसभा कैंपेन को देखते हुए यह समझौता किया था। 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को गिफ्ट कर दिया था।

उस वक्त की भारत की सरकार, पाल्क स्ट्रेट में एक द्वीप के नियंत्रण की लड़ाई एक छोटे से देश से हार गई। दूसरी ओर श्रीलंका की सरकार ने इस को द्वीप छीनने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। आरटीआई के जरिए कच्चाथीवू द्वीप को लेकर हुए इस खुलासे के बाद सियासी घमासान भी तेज हो गया है।

तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई की ओर से इस द्वीप को लेकर एक आरटीआई (RTI) आवेदन दिया गया था। इसके जवाब में मिले दस्तावेज से पता चलता है कि कच्चाथीवू द्वीप तत्कालीन सरकार ने श्रीलंका को सौंप दिया था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका भी सामने आई

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की आजादी के बाद से ही श्रीलंका, जिसका नाम उस समय सीलोन था, लगातार इस द्वीप पर अपना दावा ठोक रहा था। सीलोन के दावे और भारत की ओर से जारी विरोध को देखते हुए 10 मई, 1961 को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक मिनट में इस मुद्दे को अप्रासंगिक बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने लिखा कि मैं इस द्वीप पर दावे को छोड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाऊंगा। मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और मुझे इस पर अपने दावे को छोड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी। आजादी के बाद भारतीय नौसेना, सीलोन की अनुमति के बिना द्वीप पर अभ्यास नहीं कर सकती थी। वहीं, अक्टूबर 1955 में सीलोन की वायुसेना ने इस द्वीप पर अपना अभ्यास आयोजित किया था।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पीएम मोदी ने एक्स पर एक रिपोर्ट शेयर की है। उन्होंने पोस्ट किया कि एक आंखें खोल देने वाला और चौंकाने वाला सच सामने आया है। नये तथ्यों से पता चला कि किस प्रकार कांग्रेस ने निर्ममता दिखाई और कच्चातिवु को त्याग दिया। हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते।

यह द्वीप भारतीय तट से करीब 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसका आकार 1.9 वर्ग किमी. है। ये द्वीप बंगाल की खाड़ी और अरब सागर को जोड़ता है। इस समुद्री क्षेत्र को पाक जलडमरूमध्य कहा जाता है। यहां कई सारे द्वीप हैं, जिसमें से एक द्वीप का नाम कच्चाथीवू है। ये द्वीप 17वीं सदी में मदुरई के राजा रामनद की जमींदारी के अधीन था, लेकिन जब भारत में ब्रिटिश हुकूमत आई तो ये द्वीप मद्रास प्रेसिडेंसी यानी अंग्रेजों के अधीन हो गया। 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो सरकारी दस्तावेजों में इसे भारत का हिस्सा बताया गया। हालांकि उस वक्त भी श्रीलंका इस पर अपना अधिकार जताता रहा।

Video thumbnail
मैं भी यहीं रहना चाहता हूं...कब्र के सामने फूट-फूट कर रोया पिता; वीडियो देखकर रो देंगे आप भी
02:04
Video thumbnail
रूद्रप्रयाग में अचानक सड़क पर उतर गया हेलीकॉप्टर, कार से हो गई टक्कर, वीडियो वायरल ‌
00:54
Video thumbnail
भारतीय मजदूर संघ का युवा कार्यकर्ता सम्मेलन,मजदूर आंदोलन को राष्ट्रभक्ति से जोड़ने का संकल्प
04:01
Video thumbnail
विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर सहीजना छठ घाट पर हुई भव्य गंगा आरती
03:27
Video thumbnail
चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत, सामने आया भयावह वीडियो
01:48
Video thumbnail
सिरम टोली रैंप के खिलाफ आदिवासी संगठन सड़क पर, कई जगहों पर बंद का असर शुरू,जमकर नारेबाजी
01:37
Video thumbnail
राहुल गांधी ने जूते पहनकर दी इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि, बीजेपी बोली- यह इटली की संस्कृति
01:16
Video thumbnail
गढ़वा : होटल में संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा,मुख्य तीन आरोपी को भेजा जेल
01:48
Video thumbnail
मनिका प्रखंड कार्यालय में एसडीओ ने की मनरेगा योजनाओं की समीक्षा बैठक, दिए निर्देश
01:44
Video thumbnail
जिले में आगामी चुनावों में तमाम पार्टियों के लिए ऐसे बनेगी चुनौती टाइगर जयराम महतो की JLKM पार्टी
05:09
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles