Census 2025 Update: भारत सरकार ने जनगणना 2027 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इस बार जनगणना दो हिस्सों में और पूरी तरह डिजिटल प्रणाली के माध्यम से की जाएगी। 34 लाख गणना कर्मी डिजिटल उपकरणों से लैस होंगे, और इस जनगणना का अनुमानित खर्च ₹13,000 करोड़ होगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 1 अक्टूबर 2026 से ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जबकि देश के अन्य हिस्सों में जनगणना 1 मार्च 2027 से शुरू की जाएगी। इसके अलावा, आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना होगी। यह 1931 के बाद पहला अवसर होगा जब देश की सभी जातियों का डाटा कलेक्ट किया जाएगा। इस जनगणना में 6 नए सवाल शामिल किए गए हैं जो आधुनिक जीवनशैली और विकास के मापदंडों पर केंद्रित हैं।
ये हैं 6 नए सवाल
• क्या आपके घर में इंटरनेट कनेक्शन है?
यह डिजिटल इंडिया के प्रभाव और डिजिटल डिवाइड को समझने में मदद करेगा।
• परिवार में कितने मोबाइल फोन और स्मार्टफोन हैं?
इससे शिक्षा, वित्तीय समावेशन और तकनीकी उपयोग पर डेटा मिलेगा।
• पीने के पानी का स्रोत क्या है?
स्वस्थ्य और स्वच्छता संकेतक के रूप में यह महत्वपूर्ण है।
• घर में किस तरह का गैस कनेक्शन है?
खाना पकाने में स्वच्छ ऊर्जा उपकरण जैसे LPG/PNG या पारंपरिक ईंधन के उपयोग का आकलन होगा।
• परिवार के पास कौन-कौन सी गाड़ी है?
साइकिल, मोटरसाइकिल, कार जैसी सुविधाओं के आधार पर आर्थिक स्थिति का अनुमान होगा।
• घर में कौन सा अनाज प्रमुख रूप से खाया जाता है?
गेहूँ, मक्का, बाजरा इत्यादि का डेटा खाद्य सुरक्षा और पोषण नीतियों को मजबूत करेगा।
जनगणना 2027 में पहली बार पेपरलेस प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए एक विशेष मोबाइल ऐप और ऑटो-कैल्कुलेशन पोर्टल विकसित किया गया है, जहां लोग अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक यूनिक आईडी नंबर प्रदान किया जाएगा, जो डेटा की गोपनीयता और सटीकता सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, जीपीएस तकनीक का उपयोग करके डेटा कलेक्शन की सटीकता को बढ़ाया जाएगा, और फील्ड सपोर्ट व डायग्नोस्टिक टूल्स की मदद से समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाएगा।