नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार को इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पास हो गया। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की घुसपैठ हो रही है। अगर कोई भारत को नुकसान पहुंचाने की मानसिकता के साथ आता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार केवल उन लोगों को भारत आने से रोकेगी जिनके इरादे गलत हैं। जो हमारे लिए खतरा पैदा करेंगे। यह देश कोई धर्मशाला नहीं है। भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों की जानकारी रखी जाएगी। वे किस रास्ते से आ रहे हैं। कहां रुक रहे हैं, क्या कर रहे हैं। शाह ने कहा कि भारत उन लोगों का स्वागत करता है जो विकास में मदद करने के लिए यहां आते हैं, लेकिन जो लोग परेशानी पैदा करने के लिए आते हैं, चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल की विशेषताएं
विदेशियों की निगरानी: भारत में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी नागरिकों का डेटा दर्ज किया जाएगा, जिससे उनकी आवाजाही और गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा: सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अवैध प्रवासियों, ड्रग्स कार्टेल और हवाला कारोबार में शामिल लोगों की पहचान और रोकथाम सुनिश्चित की जाएगी।
पर्यटन और निवेश को बढ़ावा: सरकार का मानना है कि यह विधेयक विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा।
आधुनिक डेटा प्रबंधन प्रणाली: विदेशी नागरिकों के आगमन और प्रस्थान की जानकारी एक केंद्रीकृत डिजिटल सिस्टम में दर्ज की जाएगी, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाया जाएगा।
निषिद्ध क्षेत्रों की सुरक्षा: कुछ संवेदनशील स्थानों जैसे सैन्य अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर विदेशी नागरिकों की अनधिकृत पहुंच प्रतिबंधित होगी।