कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से एक सनसनी खेज खबर आ रही है। जहां छात्रा के साथ शिक्षक के द्वारा बलात्कार की आशंका है। उसके बाद उसकी हत्या कर शव को तीन टुकड़ों में काटा और नहर में फेंक दिया। पिछले महीने से छात्रा लापता हो गई थी। पुलिस ने सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के शव को अब बरामद किया है। ट्यूशन पढ़ने गई छात्रा के लापता होने पर परिवार ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया है। इधर परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग कर दी है इधर भारतीय जनता पार्टी भी घटना के खिलाफ आवाज उठा रही है।
पुलिस को छात्रा का शव एक बोरे में भरा हुआ मिला। पुलिस ने इस मामले में छात्रा की सड़ी हुई लाश निकाली है। पुलिस ने इस मामले में स्कूल शिक्षक को अरेस्ट किया है। पुलिस ने इस घटना में एक स्कूल शिक्षक को अरेस्ट किया है।28 अगस्त को लापता हुई थी छात्रा
बीरभूम जिला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिस स्कूल में लड़की पढ़ती थी, उसके एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी के अनुसार शिक्षक से पूछताछ के बाद पुलिस ने कालीडांगा गांव से एक बोरे में लड़की का क्षत-विक्षत शव बरामद किया। लड़की 28 अगस्त की सुबह स्कूल जाने के बाद से लापता थी। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चल सका। कल (मंगलवार) रात हमें कालीडांगा गांव में एक सुनसान जगह पर एक बोरा दिखाई दिया। बोरे के अंदर हमें लड़की का क्षत-विक्षत शव मिला।
पुलिस के अनुसार लड़की के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई है कि शिक्षक ने उनकी बेटी को कई बार गलत तरीके से छुआ था। आरोपी ने लड़की का अपहरण कर उसकी हत्या करने के बाद शव फेंकने की बात कबूल की। पुलिस ने बताया कि छात्रा ने पहले भी अपनी मां को शिक्षक द्वारा उससे दुर्व्यवहार करने की जानकारी दी थी और उसके लापता होने के बाद मां ने मौखिक रूप से पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार शिक्षक की भूमिका पर संदेह होने के बाद हमने उसे गिरफ्तार कर लिया और लंबी पूछताछ के बाद उसने छात्रा का अपहरण और हत्या करने की बात कबूल कर ली है।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या लड़की की हत्या से पहले उससे दुष्कर्म किया गया था।क्षत-विक्षत शव को चिकित्सीय जांच के लिए भेजा गया है। परिवार के वकील अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमें संदेह है कि हत्या से पहले पीड़िता के साथ कई दिनों तक बलात्कार किया गया था। पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए और जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए। आदिवासी समुदाय के सदस्यों ने बुधवार को रामपुरहाट पुलिस स्टेशन के बाहर घंटों विरोध प्रदर्शन किया और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया।













