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झारखंड वार्ता न्यूज

रांची: झारखंड सरकार ने प्रशासनिक सेवा में अनुशासनहीनता और अनियमितताओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सेवा के तीन अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है। वहीं, एक अधिकारी को निंदन की सजा दी गई है। इन अधिकारियों पर टेंडर घोटाले, मनरेगा में गड़बड़ी, स्ट्रीट लाइट की खरीद में अनियमितता और अनुशासनहीनता जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

मनरेगा में गड़बड़ी: अड़की की तत्कालीन बीडीओ पर कार्रवाई

मनरेगा योजना में अनियमितता के आरोप में अड़की की तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) मेरी मड़की के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने मिट्टी मोरम पथ निर्माण योजना में अनियमितता बरती, बिना काम किए राशि का भुगतान किया, फर्जी मस्टर रोल तैयार किए और अभिलेखों का सही संधारण नहीं किया। योजनाओं के पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने के कारण सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई को मंजूरी दी है।

टेंडर घोटाला: पथ निर्माण विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव पर शिकंजा

पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव सह आंतरिक वित्तीय सलाहकार संजय कुमार प्रसाद पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप है। उनके खिलाफ लोक निर्माण विभाग संहिता, 2012 के नियम 183(A) के उल्लंघन का मामला सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने निविदा प्रक्रिया में छेड़छाड़ कर 10 प्रतिशत से अधिक कम दर पर बोली लगाने वालों को गलत तरीके से एल-1 घोषित कर ठेका आवंटित किया। सरकार ने प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

अनधिकृत अनुपस्थिति : कृषि विभाग के पूर्व अंडर सेक्रेट्री पर गिरी गाज

कृषि विभाग के तत्कालीन अंडर सेक्रेट्री अनिल कुमार सिंह पर बिना अनुमति अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप है। सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन करने के कारण सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया है।

वंशीधर नगर पंचायत घोटाला: कार्यपालक पदाधिकारी पर होगी कार्रवाई

गढ़वा जिले के वंशीधर नगर पंचायत के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार पर सोलर लाइट और फॉगिंग मशीन की खरीद में अनियमितता के आरोप लगे हैं। जांच में सामने आया है कि इन उपकरणों की खरीद वास्तविक कीमत से अधिक दर पर की गई, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। इस मामले में भी सरकार ने विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

नामकुम के तत्कालीन सीओ को निंदन की सजा

नामकुम के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) मनोज कुमार को जन सूचना अधिकार के तहत आवेदक को शपथ पत्र न देने और आयोग के समक्ष जवाब पेश न करने के कारण निंदन की सजा दी गई है। इस सजा के तहत उनकी प्रोन्नति रोक दी जाएगी, और यह उनके सेवा रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

प्रशासनिक सख्ती जारी, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कवायद

झारखंड सरकार का यह कदम प्रशासनिक सेवा में अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लगातार हो रही विभागीय कार्रवाइयों से यह साफ संकेत मिलता है कि सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।