झारखंड वार्ता संवाददाता
रांची। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच कर रही अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वित्त विभाग के सेक्शन अफसर संतोष कुमार मस्ताना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सीआईडी ने उसके पास से मोबाइल फोन और कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं।
जानकारी के अनुसार, अब सीआईडी मस्ताना के मोबाइल की तकनीकी जांच कराएगी और उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है। प्रारंभिक पूछताछ में मस्ताना ने बताया कि उसे भी किसी ने प्रश्नपत्र लीक से जुड़ी सूचना भेजी थी।
सीआईडी की जांच में अब तक यह बात सामने आई है कि सीजीएल परीक्षा का प्रश्नपत्र वास्तव में लीक नहीं हुआ था, बल्कि पेपर लीक के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी की गई थी। हालांकि जांच अभी जारी है, इसलिए अधिकारी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले बयान देने से बच रहे हैं।
वहीं, अभ्यर्थियों ने सीआईडी की जांच पर असंतोष जताते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में 29 अक्टूबर को होनी है। यह सुनवाई उस याचिका पर होगी जिसमें सीजीएल परीक्षा के अंतिम परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटाने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को आयोजित की गई थी, जिसके बाद पेपर लीक के आरोप लगे थे। कहा गया था कि परीक्षा से पहले प्रश्न और उत्तर अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराए गए थे और इसके बदले मोटी रकम वसूली गई थी।
इस बीच, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिसने सबूत देकर आवाज उठाई, उसे ही सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सीआईडी इस मामले में सभी सबूत नष्ट कर रही है और गवाहों को धमकाकर बयान बदलने के लिए मजबूर कर रही है।
मरांडी ने यह भी कहा कि जो शिक्षक सड़क से लेकर अदालत तक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, सीआईडी उन्हें भी बार-बार नोटिस भेजकर परेशान कर रही है।









