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पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सोन नदी जल बंटवारे पर बनी सहमति, बिहार को मिलेगा झारखंड से तीन गुना ज्यादा पानी

On: July 11, 2025 6:17 AM
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रांची: बिहार और झारखंड के बीच सोन नदी जल बंटवारे को लेकर 25 सालों से चला आ रहा विवाद सुलझ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को रांची में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में दोनों राज्यों के बीच इस पर समझौता हुआ। सोन नदी के पानी पर बिहार को बड़ी जीत मिली है। अब हर साल सोन नदी से बिहार को झारखंड से तिगुना पानी मिलेगा। इस फैसले के तहत अब बिहार को 5.75 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) और झारखंड को 2.00 एमएएफ पानी मिलेगा। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में दोनों राज्यों का हिस्सा सुनिश्चित किया गया, जिस पर बिहार और झारखंड की सरकार ने सहमति जताई।

यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब वर्षों से दोनों राज्य पानी के अधिकार को लेकर अपने-अपने तर्कों के साथ अड़े हुए थे। बिहार जहां 1973 के बाणसागर समझौते का हवाला देते हुए पूरी 7.75 एमएएफ पानी पर दावा कर रहा था। साल 1973 में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच बाणसागर परियोजना के तहत सोन नदी के जल बंटवारे पर सहमति बनी थी। तब बिहार को 7.75 एमएएफ पानी तय हुआ था। लेकिन वर्ष 2000 में जब झारखंड अलग राज्य बना, तब से झारखंड ने इस पानी में अपनी हिस्सेदारी की मांग शुरू की। बिहार अपने पुराने अधिकार पर अड़ा रहा। इस मुद्दे को लेकर कई वर्षों से विवाद जारी था और केंद्रीय स्तर पर कई दौर की बैठकें बेनतीजा रहीं।

अमित शाह की अध्यक्षता में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मौजूद रहे। वहीं, बिहार की ओर से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और जलसंसाधन मंत्री विजय चौधरी ने प्रतिनिधित्व किया।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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