नई दिल्ली: भारत में कैंसर का खतरा लगातार गंभीर होता जा रहा है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) की ताजा स्टडी में खुलासा हुआ है कि देश में हर 100 में से 11 लोगों को जीवनभर कैंसर होने का जोखिम है। यह अध्ययन 20 अगस्त को जामा ओपन नेटवर्क (JAMA Open Network) में प्रकाशित हुआ है।
पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा संकट
स्टडी के मुताबिक, मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में स्थिति और ज्यादा चिंताजनक है। यहां पुरुषों में कैंसर का जीवनभर जोखिम 21.1% और महिलाओं में 18.9% दर्ज किया गया है। राजधानी आइजोल कैंसर से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जहां हर 1 लाख पुरुषों में 256 और हर 1 लाख महिलाओं में 217 को कैंसर हो रहा है।
इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत के छह जिले शीर्ष पर हैं। इनके बाद कश्मीर घाटी और केरल में कैंसर के मामले सबसे अधिक पाए गए।
महाराष्ट्र में सबसे कम मामले
स्टडी बताती है कि महाराष्ट्र के उस्मानाबाद और बीड में कैंसर की दर देश में सबसे कम रही।
बड़े शहरों में भी चिंता बढ़ी
भारत के बड़े महानगरों में भी कैंसर की स्थिति गंभीर होती जा रही है।
दिल्ली में पुरुषों में कैंसर की दर 146.7 रही, यानी हर 1 लाख पुरुषों में लगभग 147 मरीज।
हैदराबाद में हर 1 लाख महिलाओं में 154 कैंसर मरीज पाई गईं।
अध्ययन का आधार
यह अध्ययन राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) के इन्वेस्टिगेटर ग्रुप ने किया। इसमें देशभर की 43 जनसंख्या-आधारित कैंसर रजिस्ट्री (Population-Based Cancer Registry) से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें 7,08,223 कैंसर मरीज और 2,06,457 मौतों का डेटा शामिल था।
रिपोर्ट साफ संकेत देती है कि भारत में कैंसर तेजी से जनस्वास्थ्य की बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों और महानगरों में स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। विशेषज्ञों के मुताबिक, तंबाकू सेवन, खान-पान की आदतें, प्रदूषण और जीवनशैली इस बढ़ते खतरे के प्रमुख कारण हैं। समय रहते रोकथाम और शुरुआती पहचान की व्यवस्था को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
भारत में कैंसर का बढ़ता खतरा: जीवनभर 11% लोगों में रोग का जोखिम, मिजोरम सबसे अधिक प्रभावित

