मझिआंव: ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही खेल में रुचि, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि बढ़ा रहे मनोबल
मझिआंव (गढ़वा): एक समय में कहा जाता था कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब परंतु आज के दौर में यह कहावत सार्थक साबित होता नहीं दिखाई देता है अभी के समय के अनुसार खेल जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है इस बात को लगातार सरकार के द्वारा एवं प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा जागरूक करने के प्रयास किया जा रहे हैं इसी क्रम में अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी अच्छे-अच्छे टूर्नामेंट के आयोजन किया जा रहे हैं जिससे लोगों में खेल के प्रति जागरूकता आए।
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