जमशेदपुर: सरायकेला के विजय ग्राम स्थित इंस्टीच्यूट फॉर एजुकेशन कॉलेज में तीन दिवसीय कान्फ्रेंस के दूसरे दिन की शुरुआत मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्जवलित कर की गयी।
कांफ्रेंस का विषय “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) : अनुसंधान प्रवृत्तियां, उभरती तकनीक और नवाचार” है। कांफ्रेंस के दूसरे दिन शुक्रवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के एनएसएस को-ऑर्डिनेटर डॉ. दारा सिंह गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य प्रो. राजेश तिवारी, जमशेदपुर रिसर्च रिव्यू के डॉ. मिथिलेश कुमार चौबे उपस्थित थे। पारंपरिक नृत्य-संगीत के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। साथ ही मंच पर अतिथियों को पुष्प गुच्छ, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत की। वियतनाम के ईस्र्स्टन अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से आये प्रो. नारायण सी. देबनाथ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) शुक्ला महांती ने स्वागत भाषण किया। डॉ. दारा सिंह गुप्ता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह हमारे भविष्य की जरूरत अवश्य बन गई है, परंतु सावधानी की आवश्यकता है, ताकि हम सुरक्षित रह सकें। बिष्टुपुर स्थित श्री कृष्णा पब्लिक स्कूल के संस्थापक डॉ. हरि वल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि विज्ञान की खोज एआई जो भविष्य में मानव को ही परेशानी में डाल सकती है। इसलिए सावधानी जरूर बरतें। पूरी तरह इस पर आश्रित न हों। प्रो. राजेश तिवारी ने भविष्य में एआई के उपयोग के फायदे बताये।
तकनीकी सत्र में सीजीपीएस ओड़िया यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के डॉ. सूर्या नारायण रथ, रांची विश्वविद्यालय की भावना कुमारी, आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के र्षित कुमार, मगध विश्वविद्यालय बोधगया की ज्योति कुमारी, एमजीएम हॉस्पिटल की डॉ. ऋचा पांडा समेत अन्य शोधार्थियों एवं प्रोफेसरों ने अपने पेपर प्रस्तुत किये। प्रियंका कुमारी ने दूसरे दिन का समापन वक्तव्य दिया। कॉलेज के निदेशक आरएन महांती. प्राचार्य डॉ. स्वीटी सिन्हा, कोषाध्यक्ष किंशुक महांती, छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं देश-विदेश से आये प्रतिभागी उपस्थित थे।