हजारीबाग : मुनि श्री सुयश सागर जी महाराज का जल्द होगा वर्षायोग चार्तुमास समिति। पूरी समाज इस चातुर्मास की तैयारी में लगी हुई है।
आईए जानते हैं कौन है मुनि श्री 108 सुयश सागर जी क्या है इनका ग्रह जीवन में रिश्ता
मुनि श्री 108 श्री सुयश सागर जी महाराज का हजारीबाग से अपने गृहस्थ जीवन में गहरा संबंध है। उनकी गृहस्थ माताजी मंजू जैन बाकलीवाल हजारीबाग की थी जिनकी शादी दुर्ग में हुई थी।
श्रमण मुनि श्री सुयश सागर जी महाराज का जन्म स्थान दुर्ग, (छत्तीसगढ़) है। उनका जन्म 10 जनवरी 1980 को हुआ। उनकी सांस्कारिक माता मंजुदेवी जैन वाकलीवाल, पिता का नाम स्व. त्रिलोकचंद जी लल्लू जैन वाकलीवाल है। हजारीबाग के झंडा चौक सुमेर स्टोर के ललित दिलीप जैन अजमेरा उनके मामाजी है। उन्होंने बीकॉम तक की शिक्षा प्राप्त की थी। उनके गृहस्थ जीवन की बहन वर्षा की शादी नीरज काला से हजारीबाग काजी मोहल्ला में हुई। अचारी श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से 2009 को मुनि दीक्षा १४ अक्तूबर २००९ अशोकनगर एमपी में ली थी। अभी वो वर्तमान में सम्मेद शिखर में विराजमान है। मौसम अनुकूल होने के बाद वहां से वे हजारीबाग के लिए विहार करेंगे। वहां से हजारीबाग के लिए विहार हजारीबाग जैन युवा परिषद् व मंगल विहार टीम पुरे उत्साह उमंग के साथ हजारीबाग प्रवेश करायेंगे। समाज के अध्यक्ष धीरेंद्र सेठी व महामंत्री पवन अजमेरा व कार्यकारिणी सदस्य ने कहा की मुनि श्री का मंगल प्रवेश भव्य गाजे बाजे के साथ धूमधाम से ऐतिहासिक होगा। पुरे शहर में तोरण द्वार व पोस्टर लगायें जायेंगे। 8 जुलाई को होगा भव्य मंगल प्रवेश।