रांची: बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में दाखिल याचिका पर बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। हाइकोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें। राज्य सरकार शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट प्रकाशित करें।
कोर्ट ने देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका और जामताड़ा के डीसी को निर्देश दिया है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजें। साथ ही बांग्लादेशी घुसपैठियों का झारखंड में प्रवेश रोकें।
क्या है याचिका में?
याचिका में कहा गया है कि संथाल परगना के वैसे जिले जिनकी सीमा बांग्लादेश से सटे हैं, उन जिलों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन सुनियोजित योजना के तहत झारखंड के आदिवासियों लड़की से लव जिहाद के तहत शादी करते हैं और जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इसे रोका जाना अनिवार्य है। इससे इन जिलों में जनसंख्या में असंतुलन पैदा हो रहा है। साथ ही पिछले कुछ वर्षों में संथाल परगना के बांग्लादेशी सीमा से सटे जिलों में अचानक मदरसों में बढ़ोतरी हुई है। प्रार्थी ने नए निर्मित लगभग 46 मदरसा के नामों की सूची भी अदालत को सौंपी है। इन मदरसों के जरिए देश विरोधी कार्य किए जा रहे हैं। इसलिए इस पर रोक लगाना अनिवार्य है।