कोडरमा: जिले के मरकच्चो प्रखंड के देवीपुर पंचायत स्थित बाभन टोला में बुधवार की रात से ही गम का साया छाया हुआ है। गांव के लाल और सीआरपीएफ के जवान सुजीत सिंह (27) जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हो गए। देर रात करीब 11 बजे चली मुठभेड़ में उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
सुबह जैसे ही शहादत की खबर गांव पहुंची, पूरा इलाका स्तब्ध हो गया। हर घर में शोक की लहर दौड़ गई। सुजीत के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता सिकंदर प्रसाद सिंह, जो खेती के साथ समाजसेवा में भी सक्रिय रहते हैं, बेटे की शहादत पर गर्व तो जता रहे हैं, लेकिन आंखों से आंसू थम नहीं रहे। मां की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है।
2023 में चयनित हुए सुजीत सिंह ने सीआरपीएफ में सिर्फ दो साल की सेवा के भीतर ही देश के प्रति अपनी निष्ठा, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का अमिट उदाहरण पेश किया। उनका बड़ा भाई भी 2021 से सीआरपीएफ में कार्यरत है। परिवार के लिए सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि सुजीत की शादी को अभी सिर्फ नौ महीने ही हुए थे। मिर्जागंज (गिरिडीह) के बदडीहा गांव की रहने वाली उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।
शहीद सुजीत का पार्थिव शरीर आज शाम तक उनके पैतृक गांव मरकच्चो पहुंचने की संभावना है। गांव और आसपास के इलाकों से हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन और विदाई के लिए जुटने की तैयारी में हैं। प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
27 वर्ष की कम उम्र में सुजीत सिंह ने जिस वीरता के साथ देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया, उसने पूरे कोडरमा जिले का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। लेकिन परिवार और क्षेत्र के इस अपूरणीय नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो सकेगी। शहीद सुजीत सिंह का नाम आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और साहस का मार्ग दिखाता रहेगा।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुआ झारखंड का लाल, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल














