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बागबेड़ा वॉयरलैस मैदान का नाम शिबू सोरेन पार्क करने की मांग,डीसी को झामुमो का मांग पत्र

On: September 1, 2025 9:28 PM
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जिला उपायुक्त को मांग पत्र, सरकार तक मांगे को पहुंचाने का मिला आश्वासन

जमशेदपुर ; जमशेदपुर के बागबेड़ा वॉयरलैस मैदान का नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन पार्क का नामकरण देकर सम्मान देने की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का एक प्रतिनिधिमंडल आज जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मिला।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि मैदान का नामकरण पहले ही शिबू सोरेन के नाम पर प्रस्तावित एवं पारित हो चुका है, किंतु बीती रात भाजपा से जुड़े कुछ लोगों द्वारा अंधेरे में मैदान के मुख्य द्वार पर किसी अन्य महापुरुष का नाम लिख दिया गया। यह कदम क्षेत्र की शांति भंग करने और विधि-व्यवस्था को खराब करने की नीयत से उठाया गया है।

झामुमो नेताओं ने आरोप लगाया कि रेलवे की जमीन पर बने इस मैदान को कुछ लोग निजी व्यवसाय और धन उगाही का जरिया बनाना चाहते हैं। बिना पदाधिकारी की अनुमति के रेलवे द्वारा बनाए गए मुख्य द्वार पर किसी अन्य नाम का अंकन करना पूर्णतः गलत है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने झामुमो प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनकी बातों और आवेदन को सरकार तक अग्रसारित किया जाएगा तथा मांगों को गंभीरता से रखा जाएगा।
झामुमो नेताओं ने कहा कि वे बिना किसी विवाद और तनाव के, मैदान का नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम से सुनिश्चित करना चाहते हैं।
इस अवसर पर पूर्व सांसद सुमन महतो, वरिष्ठ झामुमो नेता सुनील महतो, महावीर मुर्मू, बहादुर किस्कू, नीता सरकार, चंद्रावती महतो, पलटन मुर्मू, जगत माडी, मिथुन चक्रवर्ती, झरना पाल, गोल्डी तिवारी, प्रीतम हेंब्रम, विकास स्वर्णकार, सविता दास, नीतिश हाॅसदा, धीरेन माड़ी ,मनोज तांती, कर्ण कालिंदी, रमेश दास, सोनू सुंडी, विनोद दे, संजय महतो, आकाश लाल, अनिल केरकेट्टा, गोकुल माड़ी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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