गढ़वा: भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झामुमो पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि झामुमो नेताओं को भाजपा पर टिप्पणी करने से पहले अपने कार्यों का आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गढ़वा की जनता सब कुछ भूली नहीं है और झामुमो के झूठे विकास के दावों की सच्चाई जानती है।
रितेश चौबे ने कहा कि गढ़वा के पूर्व मंत्री मिथलेश ठाकुर अपने कार्यकाल में पेयजल मंत्री रहते हुए भी जिले की पेयजल समस्या दूर नहीं कर पाए। शुद्ध पेयजल तक लोगों को उपलब्ध नहीं हो सका। वहीं झामुमो के तथाकथित नेता विकास का झूठा ढिंढोरा पीटकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में रांची में ‘द फ्लोअप’ कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री मिथलेश ठाकुर ने गढ़वा में खूब विकास और रोजगार मिलने की बात कही, जो पूरी तरह भ्रामक है। उनके कार्यकाल में बाहर के ठेकेदार और मजदूर आकर काम करते थे, जबकि स्थानीय लोगों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी याचक बनकर खड़ा रहना पड़ता था।
चौबे ने कहा कि पूर्व मंत्री के कार्यकाल में गढ़वा-पलामू के स्थानीय लोगों को न तो रोजगार मिला और न ही कर्मचारियों के रूप में अवसर दिया गया। घंटाघर सहित कुछ सरकारी भवन जरूर बने, लेकिन उनसे जनता को कोई ठोस लाभ नहीं मिला।
उन्होंने यह भी कहा कि झामुमो सरकार में जनता बालू और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। किसी भी विभाग में पर्याप्त फंड नहीं है और ठेकेदारों का बकाया भुगतान तक सरकार नहीं कर पा रही है। वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशन देने में भी हेमंत सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
रितेश चौबे ने कहा कि गढ़वा में आम जनता से लेकर अधिकारी और कर्मचारी तक सरकार को कोसने पर मजबूर हैं। झामुमो नेताओं को भाजपा के आंतरिक संगठनात्मक मामलों पर टिप्पणी करने के बजाय अपने कृत्यों को देखना चाहिए और खुद के अंदर झांकना चाहिए।
झामुमो पहले अपने गिरेबान में झांके, तब दूसरों पर उंगली उठाए : रितेश













